- नाश्ते में बादाम,दूध,मक्खन घी का पर्याप्त मात्रा में उपयोग करने से आप तंदुरस्त रहेंगे और वजन भी बढेगा।
- भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढाएं। दालों में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। अडा,मछली,मीट भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।बादाम,काजू का नियमित सेवन करें।
- बीमारी की अवस्था में,बीमारी के बाद,यात्रा से या मेहनत से थके होने पर,सुबह और शाम के वक्त और उपवास की अवस्था में अपने पार्टनर से शारीरिक संबंध बनाना हानिकारक है।
- अधिक केलोरी वाला भोजन लेते रहें।
- च्यवनप्राश वजन बढाने की और स्वस्थ रहने की मशहूर आयुर्वेदिक औषधि है। सुबह -शाम दूध के साथ सेवन करते रहें।
- आयुर्वेद में अश्वगंधा और सतावरी के उपयोग से वजन बढाने का उल्लेख मिलता है।३-३ ग्राम दोनों रोज सुबह लं का चूर्ण दूध के साथ प्रयोग करें। वसंतकुसुमाकर रस भी काफ़ी असरदार दवा है।
- रोज सुबह ३-४ किलोमीटर घूमने का नियम बनाएं। ताजा हवा भी मिलेगी और आपका मेटाबोलिस्म भी ठीक रह्र्गा।
- भोजन खूब अच्छी तरह से चबा चबा कर खाना चाहिये। दांत का काम आंत पर डालना उचित नहीं है।
- दोनों वक्त शोच निवृत्ति की आदत डालें।
- ५० ग्राम किश मिश रात को पानी में भिगोदे सुबह भली प्रकार चबा चबा कर खाएं। २-३ माह के प्रयोग से वजन बढेगा।
- नारियल का दूध - यह आहार तेलों का समृद्ध स्रोत है और भोजन के लिए अच्छा तथा स्वादिस्ट जायके के लिए जाना जाता है। नारियल के दूध में भोजन पकाने से खाने में कैलोरी बढ़ेगी। जिससे आपके वजन में वृधि होगी।
- मलाई- मिल्क क्रीम में आवश्यकता से ज्यादा फैटी एसिड होता है। और ज्यादातर खाद्य उत्पादों की तुलना में अधिक कैलोरी की मात्रा होती है। मिल्क क्रीम को पास्ता और सलाद के साथ खाने से वजन तेजी से बढ़ेगा।
- अखरोट - अखरोट में आवश्यक मोनोअनसेचुरेटेड फैट होता है जो स्वस्थ कैलोरी को उच्च मात्रा में प्रदान करता है। रोज़ 20 ग्राम अखरोट खाने से वजन तेजी से प्राप्त होगा।
- केला- तुरंत वजन बढाना हो तो केला खाइये। रोज़ दो या दो से अधिक केले खाने से आपका पाचन तंत्र भी अच्छा रहेगा।
- ब्राउन राइस - ब्राउन राइस कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की एक स्वस्थ खुराक का स्रोत है। भूरे रंग के चावल कार्बोहाइड्रेट का भंडार है इसलिए नियमित रूप से इसे खाने से वजन तेजी से हासिल होगा।
- आलू- आलू कार्बोहाइड्रेट और काम्प्लेक्स शुगर का अच्छा स्त्रोत है। ये ज्यादा खाने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है।
- बीन्स : जो लोग शाकाहारी है और नॉनवेज नहीं खाते उनके लिए बीन्स से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। बीन्स के एक कटोरी में 300 कैलोरी होती है। यह सिर्फ वजन बढ़ने में ही मदत नहीं करता बल्कि पौष्टिक भी होता है।
- मक्खन : मक्खन में सबसे ज्यादा कैलोरी पाई जाती है। मक्खन खाने के स्वाद को सिर्फ बढ़ाता ही नहीं बल्कि वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।
Showing posts with label Ayurveda tips. Show all posts
Showing posts with label Ayurveda tips. Show all posts
Friday, 30 October 2015
वजन बढ़ाने के उपाय
सेब खाने के बेहतरीन फायदे
- नींद न आती हो तो सोने से पहले मीठे सेब के मुरब्बे के साथ गुनगुना दूध पीएं।
- एक गिलास सेब के रस में मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से पीने से पुरानी से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है।
- सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, बेहोशी या उन्माद की शिकायत से ग्रस्त व्यक्ति को भोजन से पहले दो मीठे सेबों का सेवन करना चाहिए।
- सेब खाने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। दोपहर तथा रात को कच्चे सेब की सब्जी मस्तिष्क के रोगों में लाभ पहुंचाती है। रोज शाम को एक मीठा सेब तथा रात को एक गिलास सेब का शरबत पीने से रोगी को अतिशीघ्र लाभ होता है।
- आंखों के रोगी इसकी पुल्टिस बनाकर आंखों पर रखें और ताजे सेब को मक्खन के साथ खाएं। इससे पेशाब खुलकर आएगा तथा चेहरे की रंगत भी सुर्ख हो जाएगी।
- बुखार में रोगी को ताजे सेब का रस पिलाने से फायदा होता है।
- गले में खराबी आने पर ताजे सेब का रस कुछ देर गले में ही रोक कर रखें।
- यह पेट के कीड़े, कब्ज और अम्लता को दूर करता है।
- बिच्छू के काटने पर, सेब के ताजे रस में आधा ग्राम कपूर मिलाकर हर आधे घंटे बाद पिलाएं।
- शरीर में रक्त की कमी हो, उच्च रक्तचाप हो तो सेब का सेवन अति लाभदायक है।
- पुराने सिर दर्द में रोज एक सेब नमक लगाकर खाएं।
- इसका सेवन दांतों और मसूढ़ों को मजबूत और कीटाणु रहित बनाता है।
- खांसी में सेब के रस में मिश्री मिलाकर पिएं।
Wednesday, 28 October 2015
आहार जो करे एसिडिटी पर वार
टमाटर
कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन-सी भरपूर टमाटर शरीर से जीवाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है। एसिडिटी में टमाटर खाने से लाभ मिलता है। इसका नियमित सेवन एसिडिटी से लंबे समय तक राहत दिलाता है। स्वाद में खट्टा होने के बावजूद टमाटर शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ाता है। इसीलिए इसके सेवन से एसिडिटी नहीं बढ़ती।
संतरा
संतरे में मौजूद फ्रक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा प्रदान करने लगते हैं। संतरे का नियमित सेवन एसिडिटी से राहत पाने का उत्तम उपाय है।
पपीता
पपीता पचने में आसान है। इससे आमाशय तथा आंत संबंधी विकारों में बहुत लाभ मिलता है। पपीता कब्ज, गैस, एसिडिटी व कफ जैसे रोगों में लाभकारी होता है।
अमरूद
अमरूद कब्ज और एसिडिटी दोनों के लिए लाभकारी है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, फाइबर व मिनरल होते हैं। फाइबरन की अधिकता के कारण यह कब्ज दूर करने में सहायक होता है।
जामुन
जामुन को दवा के तौर पर खाया जा सकता है। पेट के रोगों में जामुन का सेवन काफी लाभकारी होता है। खाली पेट जामुन खाने से गैस व एसिडिटी की समस्या से निजात मिलती है।
बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जीभ का स्वाद कई बीमारियों की जड़ होता है। अच्छी सेहत के लिए जरा से स्वाद को दरकिनार करना महंगा सौदा नहीं। फिर भी अगर आपको लगता है कि स्वाद सेहत से ज्यादा कीमती है, तो मर्जी आपकी है...
सेंधा नमक के आयुर्वेदिक नुस्खे
गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर उससे गारगल करें। इससे न सिर्फ दांतों की चमक बढ़ती है, बल्कि गले से संबंधित कई प्रकार की परेशानियां भी दूर होती हैं। Ayurvedatreet
नहाएं बॉडी को रिलैक्स और रिफ्रेश करने के लिए सेंधा नमक को नहाने के पानी में मिलाएं या इससे बॉडी पर हल्का-सा मसाज करने के बाद गुनगुने पानी से नहाएं। दोनों ही तरीके बहुत ही फायदेमंद होते हैं। मसल्स को रिलैक्स करने के साथ ही यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है। साथ ही, बॉडी को डिटॉक्सीफाई भी करता है। Ayurvedatreet
पानी में मिलाकर पिएं पानी या लस्सी में सेंधा नमक मिलाकर पीना बहुत ही फायदेमंद रहेगा। ये डाइजेशन से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है और पेट की समस्याओं से निजात दिलाता है। Ayurvedatreet
नीम के आयुर्वेदिक नुस्खे
नीम को आयुर्वेद में एक बहुत ही उपयोगी वनस्पति माना गया है। नीम का प्रयोग अनेक रोगों में चमत्कारी असर दिखाता है। नीम के उपयोग से कई लाइलाज बीमारियों को ठीक किया जा सकता है आइए आज हम आपको बताते हैं नीम के कुछ ऐसे प्रयोग जो दिखाएंगे नीचे लिखी समस्याओं में जादू सा असर...
नीम के आयुर्वेदिक नुस्खे:
- नीम का प्रयोग घाव, दाद, रक्तशोधन में लाभकारी होता है। इसकी पत्तियों का रस भी बहुत गुणकारी माना जाता है।
- नीम जूस शरीर की रंगत निखारने में असरदार Ayurvedastreet
- प्रेगनेंसी के दौरान नीम का रस योनि के दर्द को कम करता है। कई प्रेगनेंट औरते लेबर पेन से मुक्ती पाने के लिये नीम के रस से मसाज करती हैं। गर्भाशय और उसके आस-पास के अंगों का सूजन उतर जाता है, भूख लगती है, दस्त साफ होता है, ज्वर नहीं आता, यदि आता भी है तो उसका वेग अधिक नहीं होता।नीम की पत्तियों के रस और शहद को 2:1 के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है, और इसको कान में
- डालने से कान के विकारों में भी फायदा होता है।
- नीम जूस पीने से, शरीर की गंदगी निकल जाती है। जिससे बालों की क्वालिटी, त्वचा और डायजेशन अच्छा हो जाता है।
- इसके अलावा नीम जूस मधुमेह रोगियों के लिये भी फायदेमंद है। अगर आप रोजाना नीम जूस पीएंगे तो आपका ब्लड़ शुगर लेवल बिल्कुल कंट्रोल में हो जाएगा। Ayurvedastreet
- नीम के रस की दो बूंदे आंखो में डालने से आंखो की रौशनी बढ़ती है और अगर कन्जंगक्टवाइटिस हो गया है, तो वह भी जल्द ठीक हो जाता है।
- यह बुरे कैलेस्ट्रोल को कम या नष्ट करता है। नीम का महीने में 10 दिन तक सेवन करते रहने से हार्ट अटैक की बीमारी दूर हो सकती है।
- नीम के रस का फायदा मलेरिया रोग में किया जाता है। नीम वाइरस के विकास को रोकता है और लीवर की कार्यक्षमता को मजबूत करता है।
- अध्ययन से पता चला है कि नीम तेल गर्भनिरोधक वास्तव में 30 सेकंड के भीतर योनि में शुक्राणु को मारता है और पांच घंटे के लिए सक्रिय रहता है।एक स्नेहक के रूप में इसके अलावा नीम का तेल कृत्यों में, और यह भी योनि और यौन संचारित रोगों से कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है।• इस तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
• इस तेल की मालिश से लिंग में वृद्धि होती हैं
• इस तेल का दिया जलाने से मच्छर भाग जाते है और डेंगू , मलेरिया जैसे रोगों से बचाव होता है|
• इस तेल की 5-10 बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज़्यादा पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फ़ायदा होता है।
• इस के 25 ग्राम तेल में थोडा सा कपूर मिलाकर रखें यह तेल फोडा-फुंसी, घाव आदि में उपयोग रहता है।
• गठिया की सूजन पर इस के तेल की मालिश करें।
• सबसे चमत्कारी उपयोग इस तेल को सर पर लगाने से गंजापन दूर हो जाता है और बाल भी नैचुरली काले हो जातें हैं. - Dr.Nuskhe neem Oil घर बैठे प्राप्त करने के लिए www.ayurvedastreet.com से अपनी बोतल ऑनलाइन आर्डर करें
- Free WhatsApp Daily HealthTips 7053047011
Monday, 19 October 2015
जवान दिखने के लिए 9 आयुर्वेदिक नुस्खे
आयुर्वेद में ऐसी अनेक चीजों के बारे में बताया गया है, जिनका नियमित सेवन कर आप हमेशा जवान बने रह सकते हैं। आज हम आप को उन्हीं में से कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं…
- भृंगराज चूर्ण 100 ग्राम, आमल की चूर्ण 50 ग्राम, तिल 50 ग्राम, इन तीनों में गुड़ मिलाकर इसका सेवन 10 से 12 ग्राम मात्रा में रोजाना करें।आयुर्वेदिक मान्यता है कि इस योग का सेवन बूढ़े को भी जवान बना देता है। दिन के खाने में दाल, चोकर युक्त रोटी लें। रात में गाय के दूध का सेवन करें।
- खाली पेट बाल हरड़ खाएं। शाम को दूध जरूर पिएं। रोजाना हरड़ लेते रहने से व आंवले का उपयोग करते रहने से, दूध घी पीने से यौवन हमेशा बना रहेगा।
- विटामिन सी से भरपूर चीजों के सेवन से जल्दी बुढ़ापा नहीं आता है। आंवले को विटामिन सी से भरपूर माना गया है। इसलिए रोजाना कम से कम एक आंवले का सेवन करना चाहिए। साथ ही, एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल भी खाने चाहिए।
- त्रिफला को आयुर्वेद में शरीर की लगभग हर बीमारी के लिए बहुत अच्छी औषधि माना गया है। त्रिफला से पेट से जुड़ी समस्याएं जड़ से मिट जाती हैं। रोजाना त्रिफला का सेवन मौसम अनुसार आयुर्वेदिक विधि से करें। इससे यौवन उम्र भर बना रहता है।
- सुबह दूध, दोपहर में सब्जी, दाल, चोकर युक्त रोटी खाएं। रात्रि में गाय के दूध का सेवन करें।च्यवनप्राश जरूर खाएं। ज्यादा पानी पिएं।
- अमृतावर्णरस, बसन्तसुकुमार के रस का उपयोग 250 मिलीग्राम की मात्रा दिन में एक बार शहद में मिलाकर करें।आयुर्वेद के अनुसार इन रसायनों का सेवन 40 वर्ष की उम्र में करना अच्छा रहता है, क्योंकि यह एक ऐसी अवस्था है, जब व्यक्ति में शारीरिक धातुओं का विकास पूर्णता प्राप्त कर चुका होता है।
- हर व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम छह घंटे आराम की नींद लेना बहुत जरूरी है। ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। संभव हो तो जंक फूड और नॉनवेज को बंद कर दें। इस तरह के खाने से शरीर में चर्बी बहुत तेजी से बढ़ती है। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होती जाती है। कोई भी बीमारी जल्द ही आपको प्रभावित कर लेती है। सात्विक खाना खाएं और योगासन करें। आपकी जवानी लंबे समय तक बनी रहेगी।
- डार्क चॉकलेट, वाइन पीना, सामाजिक बने रहना और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना, ये ऐसी बातें हैं जो हर आदमी अपना सकता है। ऐसी छोटी-छोटी बातें ही इंसान को सदा जवान बने रहने में मदद करती हैं। इसके अलावा हमेशा खुशमिजाज रहना, दूसरों के साथ जल्दी घुलना-मिलना भी इसमें काफी सहायता करता है।
- बादाम, किशमिश, सेब, अमरूद, केला, टमाटर, लौंग, मुनक्का, आंवला, संतरा, छुआरे, खजूर, अंजीर, अखरोट, घी, दूध, आदि का सेवन करना चाहिए।
डॉ. नुस्खे शक्तिवर्धक योग पाउडर शक्तिवर्धक स्वप्नदोष और धातु कमज़ोरी में बहुत लाभकारी हैं। इस से वीर्य गाढ़ा हो स्तम्भन शक्ति बढ़ जाती हैं। जिन युवको को धातु की कमज़ोरी हो या पेशाब में धात गिरती हो तो उनको हर रोज़ एक चममच डॉ. नुस्खे शक्तिवर्धक योग और गुड़ का एक चम्मच रात्रि को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ ज़रूर सेवन करना चाहिए।
अदरक को वृषण भी कहा जाता है, वृषण का अर्थ होता है सांड! सांड शारीरिक रूप से और यौन श्रमता में सबसे अधिक ताकतवर माना जात्रा है! इस पाउडर में अदरक का भी उपयोग किया गया है.
डॉ नुस्खे शक्तिवर्धक योग पाउडर (Dr.Nuskhe Shaktivardhak Yog powder) खरीदने के लिए http://www.ayurvedastreet.com पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी
डॉ.नुस्खे नीम आयल और देसी घी को मिलकर लिंग की मालिश करने से नसों का ढीलापन और शिथलता दूर होती है. अपनी बोतल www.ayurvedastreet.com से आर्डर करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी
फ्री आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स 7053047011 व्हाट्सएप्प पर भी
ताकत बढ़ाने के आयुर्वेदिक नुस्खे पाने के लिए हमारे फेसबुक ग्रुप को भी ज्वाइन करें
http://www.facebook.com/groups/ayurvednuskhe
http://www.facebook.com/groups/ayurvednuskhe
डाइजेशन fit रखने के 8 नुस्खे
1. विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं-
टमाटर, कीवी फल और स्ट्रॉबेरी जैसे विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। विटासिन सी से भरे हुए फल और सब्जियों को खाएं, ऐसा करने से आपका मल अच्छे से साफ होगा।
2. नींबू पानी पिएं-
अगर आपको सुबह गर्म पानी पीना पसंद नहीं है, तो एक गिलास में नींबू का रस निचोड़ कर उसे पिएं। इससे आपके पेट में बन रहा एसिड कम हो जायेगा और आपका पेट भी साफ रहेगा।
3. तनाव कम करें-
लगातार पाचन समस्याओं का कारण तनाव हो सकता है। तनाव आपके पाचन तंत्र पर बहुत बुरा असर डालता है। इसलिए, योग और मेडिटेशन जैसे व्यायाम का अभ्यास करके अपने तनाव को नियंत्रित करें।
4. समय से भोजन करें-
अच्छे पाचन के लिए रोज एक ही समय पर खाना खाएं। रोज नियमित समय पर खाना खाने से पाचन तंत्र पर अच्छा असर पड़ता है और एसिड भी नहीं बनता है।
5. फास्ट फूड से बचें-
फास्ट फूड जैसे पिज्जा, पास्ता, बर्गर आदि का सेवन बिलकुल बंद कर दें। फास्ट फूड कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को पैदा करता है। क्योंकि, फास्ट फूड को पचने में बहुत समय लगता है। इसलिए, फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए।
6. रोज खाएं दही-
रोज एक कटोरी लो फैट दही खाएं। दही में प्रोबायोटिक्स होते है, जो आपके पाचन को अच्छा रखते हैं। पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए दही से सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
7. देर रात भोजन करने से बचें-
हमरा पाचन तंत्र शाम को धीमा हो जाता है। जिससे हमारे पेट में पाचन रसायन बनाने लगता है, इसलिए देर रात को खाना खाने से हमारा पाचन बिगड़ जाता है।
8. नियमित रूप से व्यायाम करें-
हर रोज व्यायाम करने से पाचन बहुत अच्छा रहत है। रोज व्यायाम करने से शरीर के साथ-साथ पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है और आपके रक्त प्रवाह भी सही ढ़ंग से चलता रहता है।
पैरों को साफ और सुंदर बनाने के 9 घरेलू नुस्खे
डॉक्टर्स के अनुसार पैर और पैर की एड़ियों को साफ-सुथरा करना भी उतना ही जरुरी है, जितना कि सिर के बालों को शैंपू करना। कहते हैं कि जो लोग अपने पैर साफ रखते हैं, उन्हें कई तरह की बीमारियां नहीं होती है। इसके अलावा पैरों को साफ रखने से न सिर्फ वे सुंदर लगेंगे, बल्कि आपको फटी एड़ियों के कारण शर्मिंदा भी नहीें होना पड़ेगा। इसलिए हर व्यक्ति को रोज अपने पैरों को साफ करने के लिए 10 मिनट का समय जरूर निकालना चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में जिन्हें अपनाने से आपके पैर बहुत जल्दी साफ हो जाएंगे।
- जिन लोगों को पैर में ज्यादा पसीना आता है, उनके लिए सिरका बहुत अच्छा उपाय है।अपने पैरों को पानी और थोड़े से सिरके में डुबोएं और फिर 10 मिनट के बाद पैर धो लीजिए।
- यदि आप फटी एड़ियों से परेशान हैं तो उस पर नींबू रगड़ें। इसके साथ ही हल्के गर्म पानी में एक ताजा नींबू निचोड़ें। इसके बाद अपने पैैराेें को कुछ देर के लिए पानी में डालें।
- शहद अगर आपको लगता है कि आपके पैर बहुत ज्यादा रूखे हैं, तो शहद का उपयोग करें। शहद से अपने पैरों की 10 मिनट तक मसाज करें। इसके बाद इन्हें 10 मिनट के लिए गर्म पानी में डुबोएं और फिर ब्रश से घिस कर साफ करें।
- नहाने के लिए इस्तेमाल करने वाले शैंपू के झाग से आप पैरों की एड़ियां भी साफ कर सकते हैं।
- प्याज का रस फटी एडियों को ठीक करने में बहुत लाभकारी होता है। हफ्ते में दो बार प्याज का रस एड़ियों पर लगाना चाहिए।
- अपने पैरों को पानी से धो लें और टमाटर के छिलके से पैरों को रगड़े। इससे टैनिंग मिटती है।
- पैरों को गीला करके दोनेदार चीनी को 10 मिनट तक के लिए रगड़े। फिर पैरों को गर्म पानी में कुछ देर डूबोकर रखें।
- पैरों को साफ करने के लिए दानेदार नमक का उपयोग करें।
- संतरे के रस में बहुत सारा विटामिन सी होता है। अगर आपके पैर सूरज की धूप में जल गए हैं, तो उन पर संतरे का रस लगाइए,15 मिनट के बाद जब रस सूख जाए तब पैरों को साफ पानी से धो लीजिए।
>
Tuesday, 29 September 2015
फैशन के लिए ना करे योगासन
आजकल देश में योग का चलन एक फैशन की तरह बढ़ गया है। देखादेखी एक-दूसरे की होड़ में योग अपनाने का शौक चर्राने लगा है। टीवी चैनल्स पर आये दिन नये योग गुरु योगासन सिखा रहे हैं। इनकी देखादेखी ही नीता ने योगासन शुरू किया। एक कम्पनी में सोट्री पद पर कार्यरत नीता ने पता नहीं कहां गलती की कि उसकी पीठ में दर्द रहने लगा है। हजारों रुपयों की दवाइयां व इंजेक्शन के बाद भी नीता अभी तक पूरी तरह ठीक नहीं हुई है। ऐसा ही कुछ अविनाश के साथ हुआ।
टीवी पर एक योग गुरु को योगासन करते देख उसने योगासन शुरू किया। पहले दो-तीन दिन तो ठीक रहा फिर पता नहीं उसकी क्रिया में कहां चूक हुई कि गर्दन में पीड़ा हो गयी। योगाभ्यास शरीर के लिये उपयोगी है किन्तु (किस व्यक्ति) शारीरिक क्षमतानुकूल के लिये कौन सा आसन और कितनी देर तक करने पर अनुकूल होगा, इसका निर्णय एक योग्य प्रशिक्षक ही कर सकता है। इसलिए टीवी रेडियो, अखबार-पत्रिकाओं में पढ़कर व देखकर स्वयं योग करना घातक हो सकता है।
योगाभ्यास करने से पहले योग्य गुरु की सलाह ले और ध्यान रखें।
1. कुछ आसन, कुछ बीमारी वाले लोगों के लिये नहीं होते, अत: मनमाने आसन न करें।
2. समय व खुराक (डाइट) का विशेष ध्यान रखें।
3. यूं ही मनमाने ढंग का योगाभ्यास लाभ की जगह हानि पहुंचा सकता है।
4. आजकल की व्यस्त जिंदगी में भागमभाग व आपाधापी बढ़ी है किन्तु योगाभ्यास के मामले में इस प्रवृति से बचिए।
तो योग करें किन्तु योग्य प्रशिक्षक की निगरानी में।
1. कुछ आसन, कुछ बीमारी वाले लोगों के लिये नहीं होते, अत: मनमाने आसन न करें।
2. समय व खुराक (डाइट) का विशेष ध्यान रखें।
3. यूं ही मनमाने ढंग का योगाभ्यास लाभ की जगह हानि पहुंचा सकता है।
4. आजकल की व्यस्त जिंदगी में भागमभाग व आपाधापी बढ़ी है किन्तु योगाभ्यास के मामले में इस प्रवृति से बचिए।
तो योग करें किन्तु योग्य प्रशिक्षक की निगरानी में।
Sunday, 5 July 2015
Ayurvedic diet in diseases
Ayurvedic Diet in Diseases:
Albuminuria
In albuminuria or Bright’s disease (disease of the kidneys) give mung dal water, barley water, green vegetables, salads, cauliflower, turnip, whey, sago, rice, bread of wheat, bajra, joar.
Do not give salt, meat, proteins, sugar, sweets, spicy articles, pickles, potatoes, peas, cheese, alcohol.
Anaemia
In anaemia give tomatoes, mung dal, wheat, bajra, joar, barley, vegetables, mangoes, grapes, amalaka, banana, milk, whey, cream, butter.
Constipation
In constipation give barley, wheat, cabbage, salads, plenty of vegetables, spinach, apples, figs, prunes, dates, oranges, grapes, bananas, milk. Give up tea, pastry, cheese.
Diabetes: blog.ayurvedastreet.com
In diabetes take cream, butter, milk, cheese, nuts of all kinds, lemons and oranges in'moderation; take mung, green vegetables, cabbages, cauliflower, tomatoes, bread made of Bengal gram and wheat or barley (misre rottie), cucumber.
Do not take sugar and starch in any form, rice, sago, vermicelli, arrowroot, com flower, barley, potatoes, peas, pastry and puddings of all kinds.
Diarrhoea
In diarrhoea take barley water, whey, rice water, mung water, buttermilk, rice and buttermilk.
Do not take pulses, green vegetables, potatoes and fruits, all solid foods, sweetmeats.
Dyspepsia or Indigestion
In dyspepsia take mung, barley bread, rice, sago, potatoes, green vegetables and fruits in small quantities, milk, butter, ghee in moderation, oranges, prunes, whey, barley water, buttermilk.
Do not take pastry, sweetmeats, thick pulses, icecream, all starchy and sugary foods, unripe fruits, uncooked vegetables, acid fruits, etc.
Fevers
Give orange juice, mung water, conjee in fevers. Milk should not be given for 7 days. Do not give ghee, pulses, sweets, heavy foods, solids.
Gout
Take all fresh vegetables, rice, sago, fresh ripe fruits, wheat, bajra, joar, potatoes, salads, milk, milk puddings, lime juice freely diluted. In small quantities take tomatoes, beans, peas and other pulses, butter, ghee, cheese. Do not take rich foods, animal foods, pastries, jellies, confection, all acid fruits, all liquors.
Obesity
Take wheat, bajra, joar, mung water, butter in moderation, milk, grapes, oranges, green vegetables such as cabbages, spinach (palak), tomatoes.
Do not take ghee, pastry, sweets, too much rice, too much sugar, thick pulses
Share and help others
Albuminuria
In albuminuria or Bright’s disease (disease of the kidneys) give mung dal water, barley water, green vegetables, salads, cauliflower, turnip, whey, sago, rice, bread of wheat, bajra, joar.
Do not give salt, meat, proteins, sugar, sweets, spicy articles, pickles, potatoes, peas, cheese, alcohol.
Anaemia
In anaemia give tomatoes, mung dal, wheat, bajra, joar, barley, vegetables, mangoes, grapes, amalaka, banana, milk, whey, cream, butter.
Constipation
In constipation give barley, wheat, cabbage, salads, plenty of vegetables, spinach, apples, figs, prunes, dates, oranges, grapes, bananas, milk. Give up tea, pastry, cheese.
Diabetes: blog.ayurvedastreet.com
In diabetes take cream, butter, milk, cheese, nuts of all kinds, lemons and oranges in'moderation; take mung, green vegetables, cabbages, cauliflower, tomatoes, bread made of Bengal gram and wheat or barley (misre rottie), cucumber.
Do not take sugar and starch in any form, rice, sago, vermicelli, arrowroot, com flower, barley, potatoes, peas, pastry and puddings of all kinds.
Diarrhoea
In diarrhoea take barley water, whey, rice water, mung water, buttermilk, rice and buttermilk.
Do not take pulses, green vegetables, potatoes and fruits, all solid foods, sweetmeats.
Dyspepsia or Indigestion
In dyspepsia take mung, barley bread, rice, sago, potatoes, green vegetables and fruits in small quantities, milk, butter, ghee in moderation, oranges, prunes, whey, barley water, buttermilk.
Do not take pastry, sweetmeats, thick pulses, icecream, all starchy and sugary foods, unripe fruits, uncooked vegetables, acid fruits, etc.
Fevers
Give orange juice, mung water, conjee in fevers. Milk should not be given for 7 days. Do not give ghee, pulses, sweets, heavy foods, solids.
Gout
Take all fresh vegetables, rice, sago, fresh ripe fruits, wheat, bajra, joar, potatoes, salads, milk, milk puddings, lime juice freely diluted. In small quantities take tomatoes, beans, peas and other pulses, butter, ghee, cheese. Do not take rich foods, animal foods, pastries, jellies, confection, all acid fruits, all liquors.
Obesity
Take wheat, bajra, joar, mung water, butter in moderation, milk, grapes, oranges, green vegetables such as cabbages, spinach (palak), tomatoes.
Do not take ghee, pastry, sweets, too much rice, too much sugar, thick pulses
Share and help others
Friday, 3 July 2015
पवित्र शंख के जानिए 6 चमत्कारिक रहस्य
प्रकृति में वाकई सुंदरता का राज छिपा है...
ऐसी ऐसी अनमोल चीजें हैं, जिनके नियमित उपयोग से रंग और रूप दोनों को निखारा जा सकता है...
शंख भी इन्हीं में से एक है...विश्वास नहीं होता, तो ट्राई करके देखिए...
1- रात में शंख में पानी भरकर रख दें और सुबह इस पानी को पूरी त्वचा पर लगा लें। इस पानी से एलर्जी, रैशेज के साथ चेहरे पर पड़े सफेद दाग भी ठीक हो जाते हैं।
2- बालों के लिए भी शंख का पानी बेजोड़ है। रात भर रखे शंख के पानी में गुलाबजल मिला लें। इस पानी से बालों को धोएं। बाल चमकदार और मुलायम हो जाएंगे।
3- यह चेहरे की झुर्रियां मिटाने में भी मदद करता है। इसके लिए शंख को चेहरे पर धीरे-धीरे रगड़ें। इससे चेहरे पर प्राकृतिक ग्लो आएगा। आंखों के नीचे काले घेरे हो गए हों, तो शंख को रात को सोने से पहले अपनी आंखों के आस पास दो-तीन मिनट रगड़ें। ध्यान रखें हल्के हाथों से रगड़ें।
4- पपीते में मौजूद विटामिन-ए आंखों व त्वचा के लिए फायदेमंद है। पपाइन एंजाइम त्वचा की सतह से मृत कोशिकाओं को हटाता है। इसके लिए पपीते के गूदे को 15 मिनट चेहरे पर लगाएं और गुनगुने पानी से धोएं।
5- गुलाबजल क्लिंजर का काम करता है। दो टी स्पून गुलाबजल में 3-4 बूंद ग्लिसरीन और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाएं व सुबह सामान्य पानी से धो लें।
6- खीरे को पीस लें और इसके गूदे में आधा कप दही मिलाकर त्वचा पर लगाएं। 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धोएं।
धन प्राप्ति में सहायक शंख : शंख समुद्र मंथन के समय प्राप्त चौदह अनमोल रत्नों में से एक है। लक्ष्मी के साथ उत्पन्न होने के कारण इसे लक्ष्मी भ्राता भी कहा जाता है। यही कारण है कि जिस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है।
*यदि मोती शंख को कारखाने में स्थापित किया जाए तो कारखाने में तेजी से आर्थिक उन्नति होती है। यदि व्यापार में घाटा हो रहा है, दुकान से आय नहीं हो रही हो तो एक मोती शंख दुकान के गल्ले में रखा जाए तो इससे व्यापार में वृद्धि होती है।
*यदि मोती शंख को मंत्र सिद्ध व प्राण-प्रतिष्ठा पूजा कर स्थापित किया जाए तो उसमें जल भरकर लक्ष्मी के चित्र के साथ रखा जाए तो लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आर्थिक उन्नति होती है।
*मोती शंख को घर में स्थापित कर रोज 'ॐ श्री महालक्ष्मै नम:' 11 बार बोलकर 1-1 चावल का दाना शंख में भरते रहें। इस प्रकार 11 दिन तक प्रयोग करें। यह प्रयोग करने से आर्थिक तंगी समाप्त हो जाती है।
इसी तरह प्रत्येक शंख से अलग अलग लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
शंख पूजन का लाभ : शंख सूर्य व चंद्र के समान देवस्वरूप है जिसके मध्य में वरुण, पृष्ठ में ब्रह्मा तथा अग्र में गंगा और सरस्वती नदियों का वास है। तीर्थाटन से जो लाभ मिलता है, वही लाभ शंख के दर्शन और पूजन से मिलता है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, शंख चंद्रमा और सूर्य के समान ही देवस्वरूप है। इसके मध्य में वरुण, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा और अग्र भाग में गंगा और सरस्वती का निवास है। शंख से शिवलिंग, कृष्ण या लक्ष्मी विग्रह पर जल या पंचामृत अभिषेक करने पर देवता प्रसन्न होते हैं
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, शंख चंद्रमा और सूर्य के समान ही देवस्वरूप है। इसके मध्य में वरुण, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा और अग्र भाग में गंगा और सरस्वती का निवास है। शंख से शिवलिंग, कृष्ण या लक्ष्मी विग्रह पर जल या पंचामृत अभिषेक करने पर देवता प्रसन्न होते हैं
सेहत में फायदेमंद शंख : शंखनाद से सकारात्मक ऊर्जा का सर्जन होता है जिससे आत्मबल में वृद्धि होती है। शंख में प्राकृतिक कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। प्रतिदिन शंख फूंकने वाले को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते।
शंख बजाने से चेहरे, श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों का व्यायाम होता है। शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है। शंख से मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। गोरक्षा संहिता, विश्वामित्र संहिता, पुलस्त्य संहिता आदि ग्रंथों में दक्षिणावर्ती शंख को आयुर्वद्धक और समृद्धि दायक कहा गया है।
पेट में दर्द रहता हो, आंतों में सूजन हो अल्सर या घाव हो तो दक्षिणावर्ती शंख में रात में जल भरकर रख दिया जाए और सुबह उठकर खाली पेट उस जल को पिया जाए तो पेट के रोग जल्दी समाप्त हो जाते हैं। नेत्र रोगों में भी यह लाभदायक है। यही नहीं, कालसर्प योग में भी यह रामबाण का काम करता है।
शंख बजाने से चेहरे, श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों का व्यायाम होता है। शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है। शंख से मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। गोरक्षा संहिता, विश्वामित्र संहिता, पुलस्त्य संहिता आदि ग्रंथों में दक्षिणावर्ती शंख को आयुर्वद्धक और समृद्धि दायक कहा गया है।
पेट में दर्द रहता हो, आंतों में सूजन हो अल्सर या घाव हो तो दक्षिणावर्ती शंख में रात में जल भरकर रख दिया जाए और सुबह उठकर खाली पेट उस जल को पिया जाए तो पेट के रोग जल्दी समाप्त हो जाते हैं। नेत्र रोगों में भी यह लाभदायक है। यही नहीं, कालसर्प योग में भी यह रामबाण का काम करता है।
सबसे बड़ा शंख : विश्व का सबसे बड़ा शंख केरल राज्य के गुरुवयूर के श्रीकृष्ण मंदिर में सुशोभित है, जिसकी लंबाई लगभग आधा मीटर है तथा वजन दो किलोग्राम है।
Thursday, 2 July 2015
यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए कद्दू के बीज
कद्दू के बीजों में ज़िंक की अधिकता होती है, और जहां तक शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और टेस्टोस्टेरोन हारमोन को बढ़ाने का सवाल है कद्दू के बीज इसमें बहुत फायदेमंद हैं।
प्रजनन के लिए शुक्राणुओं की संख्या का अधिक होना आवश्यक है। कद्दू के बीजों में ओमेगा -3 फैटी एसिड की अधिकता होती है जिससे कि यौन अंगों में रक्त का संचार का सही रहता है और यौन क्षमता बढ़ती है। यदि आप पापा बनना चाह रहे हैं तो रोजाना के खाने में ज़िंक वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना बेहद जरूरी है।
सेक्स की इच्छा ना होना।
शीघ्रपतन।
कमजोरी।
ज्यादा देर तक सेक्स नहीं कर पाना।
नपुंसकता के उपचार के लिए रोज़ाना १ चम्मच डॉ.नुस्खे अश्वगंधा पाउडर (Dr.Nuskhe Ashwgandha Powder) १ गिलास दूध के साथ 2 खजूर उबाल के पिए| Dr.nuskhe Ashwgandha Powder आर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी http://www.ayurvedastreet.com/
Free health tips पाने के लिए हमारे ग्रुप को भी फेसबुक पर लिंक पर क्लिक करके ज्वाइन करें https://facebook.com/groups/ayurvedicupchar
शीघ्रपतन।
कमजोरी।
ज्यादा देर तक सेक्स नहीं कर पाना।
नपुंसकता के उपचार के लिए रोज़ाना १ चम्मच डॉ.नुस्खे अश्वगंधा पाउडर (Dr.Nuskhe Ashwgandha Powder) १ गिलास दूध के साथ 2 खजूर उबाल के पिए| Dr.nuskhe Ashwgandha Powder आर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी http://www.ayurvedastreet.com/
Free health tips पाने के लिए हमारे ग्रुप को भी फेसबुक पर लिंक पर क्लिक करके ज्वाइन करें https://facebook.com/groups/ayurvedicupchar
इन चीजों के दान से पूरे जीवन मिलते हैं शुभ फल
दान से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के फल भी नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस पुण्य कर्म में समाज में समानता का भाव बना रहता है और जरुरतमंद व्यक्ति को भी जीवन के लिए उपयोगी चीजें प्राप्त हो पाती है। यहां जानिए दान से जुड़ी ऐसी बातें, जिनका ध्यान रखने पर विशेष फल प्राप्त होते हैं...
1. अन्न, जल, घोड़ा, गाय, वस्त्र, शय्या, छत्र और आसन, इन 8 वस्तुओं का दान, पूरे जीवन शुभ फल प्रदान करता है। शास्त्रों की मान्यता है कि जब आत्मा देह त्याग देती है तब आत्मा को जीवन में किए गए पाप और पुण्यों का फल भोगना पड़ता है। पाप कर्मों के भयानक फल आत्मा को मिलते हैं। इन 8 चीजों का दान मृत्यु के बाद के इन कष्टों को भी दूर कर सकता है।
2. जो व्यक्ति पत्नी, पुत्र एवं परिवार को दुःखी करते हुए दान देता है, वह दान पुण्य प्रदान नहीं करता है। दान सभी की प्रसन्नता के साथ दिया जाना चाहिए।
3. जरुरतमंद के घर जाकर किया हुआ दान उत्तम होता है। जरुरतमंद को घर बुलाकर दिया हुआ दान मध्यम होता है।
4. यदि कोई व्यक्ति गायों, ब्राह्मणों और रोगियों को दान कर रहा है तो उसे दान देने से रोकना नहीं चाहिए। ऐसा करने वाला व्यक्ति पाप का भागी होता है।
5. तिल, कुश, जल और चावल, इन चीजों को हाथ में लेकर दान देना चाहिए। अन्यथा वह दान दैत्यों को प्राप्त हो जाता है।
6. दान देने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और दान लेने वाले का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से दान देने वाले की आयु बढ़ती है और दान लेने वाले की भी आयु कम नहीं होती है।
7. पितर देवता को तिल के साथ तथा देवताओं को चावल के साथ दान देना चाहिए।
8. मनुष्य को अपने द्वारा न्यायपूर्वक अर्जित किए हुए धन का दसवां भाग किसी शुभ कर्म में लगाना चाहिए। शुभ कर्म जैसे गौशाला में दान करना, किसी जरुरतमंद व्यक्ति को खाना खिलाना, गरीब बच्चों की शिक्षा का प्रबंध करना आदि।
9. गाय, घर, वस्त्र, शय्या तथा कन्या, इनका दान एक ही व्यक्ति को करना चाहिए।
10. गोदान श्रेष्ठ माना गया है। यदि आप गोदान नहीं कर सकते हैं तो किसी रोगी की सेवा करना, देवताओं का पूजन, ब्राह्मण और ज्ञानी लोगों के पैर धोना, ये तीनों कर्म भी गोदान के समान पुण्य देने वाले कर्म हैं।
11. दीन-हीन, अंधे, निर्धन, अनाथ, गूंगे, विकलांगों तथा रोगी मनुष्य की सेवा के लिए जो धन दिया जाता है, उसका महान पुण्य प्राप्त होता है।
12. जो ब्राह्मण विद्याहीन हैं, उन्हें दान ग्रहण नहीं करना चाहिए। विद्याहीन ब्राह्मण दान ग्रहण करता है तो उसे हानि हो सकती है।
13. गाय, सोना (स्वर्ण), चांदी, रत्न, विद्या, तिल, कन्या, हाथी, घोड़ा, शय्या, वस्त्र, भूमि, अन्न, दूध, छत्र तथा आवश्यक सामग्री सहित घर, इन 16 वस्तुओं के दान को महादान माना गया है। इनके दान से अक्षय पुण्य के साथ ही कई जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
Wednesday, 1 July 2015
जानिए महिलाओं के लिए सेक्स के लाभ
महिलाएं सेक्स के दौरान न सिर्फ आंनद का अनुभव करती है बल्कि सेक्स से उन्हे कई प्रकार के शारीरिक और भावनात्मक लाभ भी होते है, सेक्स से महिलाओं के शारीरिक सरंचना में भी परिर्वतन आता है। सेक्स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मिले शारीरिक और भावनात्मक सर्पोट से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है। यूं तो महिलाओं में हमेशा सेक्स की चाहत होती है, लेकिन मासिक पूरा हो जाने के पांच से सात दिन तक महिलाएं सेक्स के मूड में ज्यादा होती हैं क्योंकि मासिक चक्र पूरा होने के बाद सेक्स वाले हार्मोस सक्रिय हो जाते हैं। महावारी के पांच से सात दिन में सेक्स करना ज्यादा ही आनंद की अनुभूति कराता है साथ ही इसका लाभ कम से कम 12 दिनों तक रहता है। महावारी के बाद महिलाओं में सेक्स की तीव्र इच्छा जागृत होना स्वाभाविक है, क्योंकि इन दिनों में गर्भधारण की संभावना कम हो जाती। वैसे तो यह शारीरिक जरूरत का एक आम हिस्सा है। सेक्स वैवाहिक संबंधों को सुखी बनाता है और भविष्य में दोनों के बीच सेक्स को लेकर दूरियां कभी नहीं आती। (सेक्स से संबंधी रोचक तथ्य)
महिलाओं में सेक्स के लाभ (इसमें छिपे हैं स्वास्थ्य के सूत्र)
- महिलाओं में सेक्स के दौरान से शरीर में कैलोरी का जलन होता है जिससे महिलाओं में वजन कम होता है, यह एक शारीरिक व्यायाम है जो आपको स्वस्थ रखता है।
- महिलाओं में सेक्स उन्मुक्ति को बढ़ाता है, और एक अलग ही आनंद का अनुभव कराता है।
- महिलाओं में सेक्स कई बीमारियों को कम करता है जैसे सर्दी और अन्य बीमारियों के संक्रमण से शरीर की प्रतिरक्षा करता है, और आपको स्वस्थ बनाता हैं।
- महिलाओं में सेक्स तनाव को कम करता है और उन्हें खुश रखने में मदद करता है।
- महिलाओं में सेक्स रक्तचाप को भी कम करता हैा सेक्स से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
- सेक्स दिल को मजबूत बनाता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना कम होती एक सप्ताह में सेक्स दो बार या दो से अधिक बार सेक्स करने से महिलाओं में घातक दिल के दौरे की संभावना उन महिलाओं के तुलना में कम हो जाती है, जो कम सेक्स करती हैा
- सेक्स महिलाओं में आत्मसम्मान को बढ़ाता है।
- सेक्स अंतरंगता और रिश्तों को बेहतर बनाता है। वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाता है।
- सेक्स करने से कई बीमारियों के दर्द से राहत मिल सकती हैं, जैसे गठिया, सिर दर्द इत्यादि में सेक्स के बाद कुछ राहत पा सकते हैं।
- सेक्स महिलाओं कैंसर, सिस्ट जैसी बीमारियों के भी खतरे को भी कम करता है।
- महिलाओं में सेक्स पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। संभोग के दौरान उनकी पैल्विक मांसपेशियों का व्यायाम होता है जिससे महिलाओं में असंयम का जोखिम कम हो जाता है।
- बेहतर नींद के लिए सेक्स जरूरी है। संभोग के बाद, महिलाओं को बेहतर नींद आती है और स्वास्थ्य लाभ होता है।
Free WhatsApp Health Tips 7557283370
नपुंसकता और शीघ्रपतन के उपचार के लिए रोज़ाना १ चम्मच डॉ.नुस्खे अश्वगंधा पाउडर (Dr.Nuskhe Ashwgandha Powder) १ गिलास दूध के साथ 2 खजूर उबाल के पिए| Dr.nuskhe Ashwgandha Powder आर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी http://www.ayurvedastreet.com
health संबंधी जानकारियों को पाने के लिए नीचे दिए हुए Group को Join करें https://www.facebook.com/groups/desibaatein
Subscribe to:
Posts (Atom)