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Friday, 30 October 2015

सेब खाने के बेहतरीन फायदे


  1. नींद न आती हो तो सोने से पहले मीठे सेब के मुरब्बे के साथ गुनगुना दूध पीएं।
  2. एक गिलास सेब के रस में मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से पीने से पुरानी से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है।
  3. सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, बेहोशी या उन्माद की शिकायत से ग्रस्त व्यक्ति को भोजन से पहले दो मीठे सेबों का सेवन करना चाहिए।
  4. सेब खाने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। दोपहर तथा रात को कच्चे सेब की सब्जी मस्तिष्क के रोगों में लाभ पहुंचाती है। रोज शाम को एक मीठा सेब तथा रात को एक गिलास सेब का शरबत पीने से रोगी को अतिशीघ्र लाभ होता है।
  5. आंखों के रोगी इसकी पुल्टिस बनाकर आंखों पर रखें और ताजे सेब को मक्खन के साथ खाएं। इससे पेशाब खुलकर आएगा तथा चेहरे की रंगत भी सुर्ख हो जाएगी।
  6. बुखार में रोगी को ताजे सेब का रस पिलाने से फायदा होता है।
  7. गले में खराबी आने पर ताजे सेब का रस कुछ देर गले में ही रोक कर रखें।
  8. यह पेट के कीड़े, कब्ज और अम्लता को दूर करता है।
  9. बिच्छू के काटने पर, सेब के ताजे रस में आधा ग्राम कपूर मिलाकर हर आधे घंटे बाद पिलाएं।
  10. शरीर में रक्त की कमी हो, उच्च रक्तचाप हो तो सेब का सेवन अति लाभदायक है।
  11. पुराने सिर दर्द में रोज एक सेब नमक लगाकर खाएं।
  12. इसका सेवन दांतों और मसूढ़ों को मजबूत और कीटाणु रहित बनाता है।
  13. खांसी में सेब के रस में मिश्री मिलाकर पिएं।

Monday, 19 October 2015

पैरों को साफ और सुंदर बनाने के 9 घरेलू नुस्खे



डॉक्टर्स के अनुसार पैर और पैर की एड़ियों को साफ-सुथरा करना भी उतना ही जरुरी है, जितना कि सिर के बालों को शैंपू करना। कहते हैं कि जो लोग अपने पैर साफ रखते हैं, उन्हें कई तरह की बीमारियां नहीं होती है। इसके अलावा पैरों को साफ रखने से न सिर्फ वे सुंदर लगेंगे, बल्कि आपको फटी एड़ियों के कारण शर्मिंदा भी नहीें होना पड़ेगा। इसलिए हर व्यक्ति को रोज अपने पैरों को साफ करने के लिए 10 मिनट का समय जरूर निकालना चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में जिन्हें अपनाने से आपके पैर बहुत जल्दी साफ हो जाएंगे।
  1. जिन लोगों को पैर में ज्यादा पसीना आता है, उनके लिए सिरका बहुत अच्छा उपाय है।अपने पैरों को पानी और थोड़े से सिरके में डुबोएं और फिर 10 मिनट के बाद पैर धो लीजिए।
     
  2.  यदि आप फटी एड़ियों से परेशान हैं तो उस पर नींबू रगड़ें। इसके साथ ही हल्के गर्म पानी में एक ताजा नींबू निचोड़ें। इसके बाद अपने पैैराेें को कुछ देर के लिए पानी में डालें।
     
  3. शहद अगर आपको लगता है कि आपके पैर बहुत ज्यादा रूखे हैं, तो शहद का उपयोग करें। शहद से अपने पैरों की 10 मिनट तक मसाज करें। इसके बाद इन्हें 10 मिनट के लिए गर्म पानी में डुबोएं और फिर ब्रश से घिस कर साफ करें।
     
  4. नहाने के लिए इस्तेमाल करने वाले शैंपू के झाग से आप पैरों की एड़ियां भी साफ कर सकते हैं।
     
  5. प्याज का रस फटी एडियों को ठीक करने में बहुत लाभकारी होता है। हफ्ते में दो बार प्याज का रस एड़ियों पर लगाना चाहिए।
     
  6. अपने पैरों को पानी से धो लें और टमाटर के छिलके से पैरों को रगड़े। इससे टैनिंग मिटती है।
     
  7. पैरों को गीला करके दोनेदार चीनी को 10 मिनट तक के लिए रगड़े। फिर पैरों को गर्म पानी में कुछ देर डूबोकर रखें।
     
  8. पैरों को साफ करने के लिए दानेदार नमक का उपयोग करें।
     
  9. संतरे के रस में बहुत सारा विटामिन सी होता है। अगर आपके पैर सूरज की धूप में जल गए हैं, तो उन पर संतरे का रस लगाइए,15 मिनट के बाद जब रस सूख जाए तब पैरों को साफ पानी से धो लीजिए।
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Tuesday, 29 September 2015

फैशन के लिए ना करे योगासन

आजकल देश में योग का चलन एक फैशन की तरह बढ़ गया है। देखादेखी एक-दूसरे की होड़ में योग अपनाने का शौक चर्राने लगा है। टीवी चैनल्स पर आये दिन नये योग गुरु योगासन सिखा रहे हैं। इनकी देखादेखी ही नीता ने योगासन शुरू किया। एक कम्पनी में सोट्री पद पर कार्यरत नीता ने पता नहीं कहां गलती की कि उसकी पीठ में दर्द रहने लगा है। हजारों रुपयों की दवाइयां व इंजेक्शन के बाद भी नीता अभी तक पूरी तरह ठीक नहीं हुई है। ऐसा ही कुछ अविनाश के साथ हुआ। 

टीवी पर एक योग गुरु को योगासन करते देख उसने योगासन शुरू किया। पहले दो-तीन दिन तो ठीक रहा फिर पता नहीं उसकी क्रिया में कहां चूक हुई कि गर्दन में पीड़ा हो गयी। योगाभ्यास शरीर के लिये उपयोगी है किन्तु (किस व्यक्ति) शारीरिक क्षमतानुकूल के लिये कौन सा आसन और कितनी देर तक करने पर अनुकूल होगा, इसका निर्णय एक योग्य प्रशिक्षक ही कर सकता है। इसलिए टीवी रेडियो, अखबार-पत्रिकाओं में पढ़कर व देखकर स्वयं योग करना घातक हो सकता है।

योगाभ्यास करने से पहले योग्य गुरु की सलाह ले और ध्यान रखें।
1. कुछ आसन, कुछ बीमारी वाले लोगों के लिये नहीं होते, अत: मनमाने आसन न करें।
2. समय व खुराक (डाइट) का विशेष ध्यान रखें।
3. यूं ही मनमाने ढंग का योगाभ्यास लाभ की जगह हानि पहुंचा सकता है।
4. आजकल की व्यस्त जिंदगी में भागमभाग व आपाधापी बढ़ी है किन्तु योगाभ्यास के मामले में इस प्रवृति से बचिए।
तो योग करें किन्तु योग्य प्रशिक्षक की निगरानी में।

Sunday, 5 July 2015

गर्भवती महिला के लिए आहार संबंधी आवश्यक सूचना


हर महिला कि यह इच्छा होती है कि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे। इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए गर्भावस्था मे पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा मे करना बेहद जरुरी है। गर्भस्थ शिशु का विकास माता के आहार पर निर्भर होता है। गर्भवती महिला को ऐसा आहार करना चाहिए जो उसके गर्भस्थ शिशु के पोषण कि आवश्यक्ताओ को पुरा कर सके।
सामान्य महिला को प्रतिदिन 2100 calories का आहार करना चाहिए। Food and Nutrition Board के अनुसार सगर्भा महिला को आहार के माधयम से 300 calories अतिरिक्त मिलनी ही चाहिए। यानि सामान्य महिला कि अपेक्षा गर्भवती महिला को 2400 calories प्राप्त हो इतना आहार लेना चाहिए और विविध Vitamins, Minerals अधिक मात्रा में प्राप्त करना चाहिए। www.ayurvedastreet.com
गर्भावस्था में महिला को आहार में कौन से चीजे लेना चहिए ओर कितनी मात्रा में लेना चाहिए इसकि अधिक जानकारी निचे दि गयीं है।
1) कैल्शियम (Calcium)
• गर्भवती महिला को आहार मे प्रतिदिन 1500 -1600 मिलीग्राम Calcium मिलना चाहिए।
• गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिये इस तत्व कि आवश्यकता रहती है।
• Calcium युक्त आहार में दूध और दूध से बने व्यंजन, दलहन, मक्खन, चीज, मेथी, बीट, अंजीर, अंगूर, तरबूज, तिल, उड़द, बाजऱा, मांस आदि का समावेश होता है।
2)प्रोटीन (Proteins)
• गर्भवती महिला को आहार मे प्रतिदिन 60 से 70 ग्राम Proteins मिलना चाहिए।
• गर्भवती महिला के गर्भाशय, स्तनों तथा गर्भ के विकास ओर वृद्धि के लिये Proteins एक महत्वपूर्ण तत्व है।
• अंतिम 6 महीनो के दौरान करीब 1 किलोग्राम Proteins की आवश्यकता होती है।
• Protein युक्त आहार मे दूध और दुध से बने व्यंजन, मूंगफली, पनीर, चिज़, काजू, बदाम, दलहन, मांस, मछली, अंडे आदि का समावेश होता है।
3) विटामिन (Vitamins)
• सगर्भावस्था के दौरान Vitamins कि जरुरत बढ़ जाती है।
• आहार ऐसा होना चाहिए कि जो अधिकधिक मात्रा मे calories तथा उचित मात्रा में Proteins के साथ Vitamins कि जरुरत कि पूर्ति कर सके।
• हरी सब्जियां, दलहन, दूध आदि से Vitamin उपलब्ध हो जाते है।
4) आयोडीन (Iodine)
• गर्भवती महिलाओ के लिये प्रतिदिन 200-220 माइक्रोग्राम Iodine कि आवश्यकता होती है।
• Iodine आपके शिशु के दिमाग के विकास के लिये आवश्यक है। इस तत्व की कमी से बच्चे मे मानसिक रोग, वजन बढ़ना और महिलाओ मे गर्भपात जेसी अन्य खामिया उत्पन्न होती है। www.blog.ayurvedastreet.com • गर्भवती महिलाओ को अपने डॉक्टर कि सलाह अनुसार Thyroid Profile जॉंच कराना चाहिए।
• Iodine के प्राकृतिक स्त्रोत्र है अनाज, दालें, ढूध, अंड़े, मांस। Iodine युक्त नमक अपने आहार मे Iodine शामिल करने का सबसे आसान और सरल उपाय है।
5) फोलिक एसिड (Folic Acid)
• पहली तिमाही वाली महिलाओं को प्रतिदिन 4 mg Folic Acid लेंने की आवश्यकता होती है। दूसरी और तीसरी तिमाही मे 6 mg Folic Acid लेंने की आवश्यकता होती है।
• पर्याप्त मात्रा में Folic Acid लेने से जन्मदोष और गर्भपात होने का खतरा कम हो जाता है। इस तत्व के सेवन से उलटी पर रोक लग जाती है।
• आपको Folic Acid का सेवन तब से कर लेना चाहिए जब से आपने माँ बनने का मन बना लिया हो।
• Folic Acid युक्त आहार मे दाल, राजमा, पालक, मटर, मक्का, हरी सरसो, भिंड़ी, सोयाबीन, काबुली चना, स्ट्रॉबेरी, केला, अननस, संतरा, दलीया, साबुत अनाज का आटा, आटे कि ब्रेड आदि का समावेश होता है।
6) पानी (Water)
• गर्भवती महिला हो या कोई भी व्यक्ति, पानी हमारे शरीर के लिये बहुत महत्वपुर्ण है। गर्भवती महिलाओ को अपने शरीर कि बढ़ती हुईं आवश्यकताओं को पुरा करने के लिये प्रतिदिल कम से कम 3 लीटर (10 से 12 ग्लास) पानी जरुर पीना चाहिए। गर्मी के मौसम में 2 ग्लास अतिरिक्त पानी पीना चाहिए।
• हमेशा ध्यान रखे कि आप साफ़ और सुरक्षीत पानी पी रहे है। बाहर जाते समय अपना साफ़ पानी साथ रखे या अच्छा बोतलबंद पानी का उपयोग करे।
• पानी की हर बूंद आपकी गर्भावस्था को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने मे सहायक है।
7) झींक (Zinc)
• गर्भवती महिलाओ के लिये प्रतिदिन 15 से 20 मिलीग्राम Zinc कि आवश्यकता होती है।
• इस तत्व कि कमी से भूख नहि लगतीं, शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जात्ता है, त्वचा रोग होते है।
• पर्याप्त मात्रा में शरीर को Zinc कि पूर्ति करने के लिए हरी सब्जिया और Multi-Vitamin supplements ले सकते है।
गर्भवती महिलाओ को आहार संबंधी निम्नलिखित बातों का ख्याल रखना चाहिए :
1. गर्भवती महिला को हर 4 घंटे में कुछ खाने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है आपको भूक न लगी हो, परन्तु हो सकता है कि आपका गर्भस्थ शिशु भूका हो।
2. वजन बढ़ने कि चिंता करने के बजाय अच्छी तरह से खाने कि ओर ध्यान देना चाहिए।
3. कच्चा दूध न पिए।
4. मदिरापान न करे।
5. Caffeine की मात्रा काम करे। प्रतिदिन 200 mg से अधिक caffeine लेने पर गर्भपात और कम वजन वाले शिशु के जन्म लेने का खतरा बढ़ जाता है।
6. गर्भवती महिलाओ को गर्म मसालेदार चींजे नहीं खाना चाहिए।
7. Anaemia से बचने के लिए अखण्ड अनाज से बने पदार्थ, अंकुरित दलहन, हरे पत्तेवाली साग भाज़ी, ग़ुड़, तिल आदि लोहतत्व से भरपूर खाद्यपदार्थों का सेवन करना चाहिए।
8. सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का वजन 10 से 12 किलो बढ़ना चाहिए।
9. गर्भवती महिला को उपवास नहीं करना चाहिए।
10. गर्भवती महिला को मीठा खाने की इच्छा हो तो उन्हें अंजीर खाना चाहिए। इसमें प्रचुर मात्रा में Calcium है और इससे कब्ज भी दूर होता हैं।
11. Vegetable सूप और जूस लेना चाहिए। भोजन के दौरान इनका सेवन करे। बाजार में मिलने वाले रेडीमेड सूप व् जूस का उपयोग न करे।
12. गर्भवती महिला को fast foods, ज्यादा तला हुआ खाना, ज्यादा तिखा और मसालेदार खाने से परहेज करना चाहिए।
13. अपने डॉकटर कि सलाह अनुसार Vitamin और Iron कि गोलिया नियमित समय पर लेना चाहिए।www.blog.ayurvedastreet.com
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