आजकल देश में योग का चलन एक फैशन की तरह बढ़ गया है। देखादेखी एक-दूसरे की होड़ में योग अपनाने का शौक चर्राने लगा है। टीवी चैनल्स पर आये दिन नये योग गुरु योगासन सिखा रहे हैं। इनकी देखादेखी ही नीता ने योगासन शुरू किया। एक कम्पनी में सोट्री पद पर कार्यरत नीता ने पता नहीं कहां गलती की कि उसकी पीठ में दर्द रहने लगा है। हजारों रुपयों की दवाइयां व इंजेक्शन के बाद भी नीता अभी तक पूरी तरह ठीक नहीं हुई है। ऐसा ही कुछ अविनाश के साथ हुआ।
टीवी पर एक योग गुरु को योगासन करते देख उसने योगासन शुरू किया। पहले दो-तीन दिन तो ठीक रहा फिर पता नहीं उसकी क्रिया में कहां चूक हुई कि गर्दन में पीड़ा हो गयी। योगाभ्यास शरीर के लिये उपयोगी है किन्तु (किस व्यक्ति) शारीरिक क्षमतानुकूल के लिये कौन सा आसन और कितनी देर तक करने पर अनुकूल होगा, इसका निर्णय एक योग्य प्रशिक्षक ही कर सकता है। इसलिए टीवी रेडियो, अखबार-पत्रिकाओं में पढ़कर व देखकर स्वयं योग करना घातक हो सकता है।
योगाभ्यास करने से पहले योग्य गुरु की सलाह ले और ध्यान रखें।
1. कुछ आसन, कुछ बीमारी वाले लोगों के लिये नहीं होते, अत: मनमाने आसन न करें।
2. समय व खुराक (डाइट) का विशेष ध्यान रखें।
3. यूं ही मनमाने ढंग का योगाभ्यास लाभ की जगह हानि पहुंचा सकता है।
4. आजकल की व्यस्त जिंदगी में भागमभाग व आपाधापी बढ़ी है किन्तु योगाभ्यास के मामले में इस प्रवृति से बचिए।
तो योग करें किन्तु योग्य प्रशिक्षक की निगरानी में।
1. कुछ आसन, कुछ बीमारी वाले लोगों के लिये नहीं होते, अत: मनमाने आसन न करें।
2. समय व खुराक (डाइट) का विशेष ध्यान रखें।
3. यूं ही मनमाने ढंग का योगाभ्यास लाभ की जगह हानि पहुंचा सकता है।
4. आजकल की व्यस्त जिंदगी में भागमभाग व आपाधापी बढ़ी है किन्तु योगाभ्यास के मामले में इस प्रवृति से बचिए।
तो योग करें किन्तु योग्य प्रशिक्षक की निगरानी में।
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