Wednesday, 28 October 2015

नीम के आयुर्वेदिक नुस्खे


नीम को आयुर्वेद में एक बहुत ही उपयोगी वनस्पति माना गया है। नीम का प्रयोग अनेक रोगों में चमत्कारी असर दिखाता है। नीम के उपयोग से कई लाइलाज बीमारियों को ठीक किया जा सकता है आइए आज हम आपको बताते हैं नीम के कुछ ऐसे प्रयोग जो दिखाएंगे नीचे लिखी समस्याओं में जादू सा असर...

नीम के आयुर्वेदिक नुस्खे:


  • नीम का प्रयोग घाव, दाद, रक्तशोधन में लाभकारी होता है। इसकी पत्तियों का रस भी बहुत गुणकारी माना जाता है।
  • नीम जूस शरीर की रंगत निखारने में असरदार  Ayurvedastreet
  • प्रेगनेंसी के दौरान नीम का रस योनि के दर्द को कम करता है। कई प्रेगनेंट औरते लेबर पेन से मुक्ती पाने के लिये नीम के रस से मसाज करती हैं। गर्भाशय और उसके आस-पास के अंगों का सूजन उतर जाता है, भूख लगती है, दस्त साफ होता है, ज्वर नहीं आता, यदि आता भी है तो उसका वेग अधिक नहीं होता।नीम की पत्तियों के रस और शहद को 2:1 के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है, और इसको कान में 
  • डालने से कान के विकारों में भी फायदा होता है।
  • नीम जूस पीने से, शरीर की गंदगी निकल जाती है। जिससे बालों की क्वालिटी, त्वचा और डायजेशन अच्छा हो जाता है।
  • इसके अलावा नीम जूस मधुमेह रोगियों के लिये भी फायदेमंद है। अगर आप रोजाना नीम जूस पीएंगे तो आपका ब्लड़ शुगर लेवल बिल्कुल कंट्रोल में हो जाएगा। Ayurvedastreet
  • नीम के रस की दो बूंदे आंखो में डालने से आंखो की रौशनी बढ़ती है और अगर कन्जंगक्टवाइटिस हो गया है, तो वह भी जल्द ठीक हो जाता है।
  • यह बुरे कैलेस्ट्रोल को कम या नष्ट करता है। नीम का महीने में 10 दिन तक सेवन करते रहने से हार्ट अटैक की बीमारी दूर हो सकती है।
  • नीम के रस का फायदा मलेरिया रोग में किया जाता है। नीम वाइरस के विकास को रोकता है और लीवर की कार्यक्षमता को मजबूत करता है।
  • अध्ययन से पता चला है कि नीम तेल गर्भनिरोधक वास्तव में 30 सेकंड के भीतर योनि में शुक्राणु को मारता है और पांच घंटे के लिए सक्रिय रहता है।
    एक स्नेहक के रूप में इसके अलावा नीम का तेल कृत्यों में, और यह भी योनि और यौन संचारित रोगों से कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
    • इस तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
    • इस तेल की मालिश से लिंग में वृद्धि होती हैं
    • इस तेल का दिया जलाने से मच्छर भाग जाते है और डेंगू , मलेरिया जैसे रोगों से बचाव होता है|
    • इस तेल की 5-10 बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज़्यादा पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फ़ायदा होता है।
    • इस के 25 ग्राम तेल में थोडा सा कपूर मिलाकर रखें यह तेल फोडा-फुंसी, घाव आदि में उपयोग रहता है।
    • गठिया की सूजन पर इस के तेल की मालिश करें।
    • सबसे चमत्कारी उपयोग इस तेल को सर पर लगाने से गंजापन दूर हो जाता है और बाल भी नैचुरली काले हो जातें हैं.
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