Tuesday, 31 January 2017

अमीर बनने के ७ टोटके अपने पर्स में ज़रूर आजमाएं



वास्तु शास्त्र में बताई गई इन वस्तुओं को आपने पर्स में रखेंगे, तो धन की कमी कभी नहीं होगी. पर्स कभी खाली नहीं होगा और जरूरत के अनुसार पैसा देता रहेगा.
1 . लाल रंग का कागज- यह एक अचूक टोटका है. इसके लिए एक लाल कागज चाहिए. कागज में अपनी इच्छा लिखकर उसे रेशमी धागे से बांध लें और पर्स में रख लें. ऐसा करने से जरूर आपकी इच्छा पूरी होगी.
2 . चावल- शास्त्रों में अनाज और धन दोनों एक समान कहे गए हैं. अगर पर्स में चुटकी भर चावल रखते हैं तो यह अनचाहे खर्च को कम करता है.
3 . माता लक्ष्मी की तस्वीर- माता लक्ष्मी की वहीं पिक्चर अपने पर्स में रखें जिसमे वह बैठी हुई मुद्रा में हों. इससे आपको कभी भी पैसे की कमी नहीं होगी.
4 . पीपल का पत्ता- हिन्दू धर्म में पीपल और तुलसी दोनों को ही पूजनीय है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है की पर्स में हमेशा पीपल का पत्ता रखना चाहिए.पीपल के पत्ते को अभिमंत्रित करने के बाद शुभ मुहूर्त में इसे पर्स में नोटों के साथ रखना चाहिए. ऐसा करने से पर्स हमेशा धन से भरा रहेगा, जरूरत के समय कभी भी आर्थिक परेशानी नहीं होगी.
5 . यदि आपके पास कोई चांदी का सिक्का पड़ा हो तो इसे भी पर्स में रखने से धन लाभ होता है. लेकिन ध्यान रहे की सोने या चांदी के सिक्के को पर्स में रखने से पहले इसे घर के मंदिर में मां लक्ष्मी के चरणों में रखें.
6 . ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पर्स में शीशे का कोई टुकड़ा या एक छोटा चाकू रखना चाहिए. यह उपाय भी धन वृद्धि में सहायक है. इसके आलावा आप पर्स में गोमती चक्र भी रख सकते हैं.
7 .रुदाक्ष रखने से दरिद्रता दूर होती है और धन वृद्धि करता है. धार्मिक बातें पाने के लिए हमारे ग्रुप को भीफेसबुक पर लिंक पर क्लिक करके ज्वाइन करें https://www.facebook.com/groups/ayurvedicupchar/
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ये खूबियां और खासियत होती है फ़रवरी में पैदा हुए लोगों में


जिस तरह राशियों का प्रभाव लोगों के व्यक्त‍ित्व पर पड़ता है उसी प्रकार जन्म माह का भी प्रभाव पर्सनालिटी पर साफ दिखाई देता है। चलिये बात करते हैं उन लोगों की, जिनका जन्मदिन फरवरी में होता है।
आप में में गजब की आकर्षण शक्ति होती है। आप आम तौर पर काफी हंसमुख और खुशमिजाज होते हैं। आपको समझ पाना बहुत मुश्किल तो नहीं लेकिन इतना आसान भी नहीं। 
* आप दिल से बेहद भावुक भी होते हैं। 
* आप सुनते तो सबकी है लेकिन करते अपने मन की ही है। 
* आपके जीवन में सुख-समृद्धि बेहद खर्चीले आप बेहद खर्चीले हैं, पैसे बचाना आपकी फितरत नहीं। 
* स्वभाव से रोमांटिक आप स्वभाव से रोमांटिक होते हैं।
* आप बहुत छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेते हैं।
* आप ईमानदार होते हैं और इस कारण लोकप्रिय होते हैं। 
* आप थोड़े लापरवाह किस्म के हैं इस कारण प्रगति में पीछे रह जाते हैं। धार्मिक बातें पाने के लिए हमारे ग्रुप को भी फेसबुक पर लिंक पर क्लिक करके ज्वाइन करें https://www.facebook.com/groups/ayurvedicupchar/

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भूल कर भी न करें इन ४ प्रकार की स्त्रियों से विवाह - विष्णु पुराण



मनुष्य जीवन के सोलह संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विवाह। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यकता होती है अच्छे जीवन साथी की। शादी के लिए ऐसी लड़की का चयन करना चाहिए, जो कि अपने पति और परिवार दोनों को प्रेम पूर्वक संभाल सके। विष्णु पुराण में स्त्रियों के संबंध में कई बातें बताई गई हैं। इस पुराण में 4 ऐसी स्त्रियां बताई गई हैं, जिनसे विवाह नहीं करना चाहिए, जानिए ये 4 स्त्रियां कौन हैं…


1. बुरा बोलने वाली
कहा जाता है कि वाणी में ही मां सरस्वती का निवास होता है। जो स्त्री मधुर वाणी बोलने वाली होती है, उससे मां सरस्वती सदैव प्रसन्न रहती हैं। बुरे या कटु वचन बोलने वाली स्त्री का स्वभाव भी उसकी भाषा की तरह बुरा ही होता है। ऐसी स्त्री की वजह से घर में अशांति का वातावरण बना रहता है। इसीलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए।
2. देर तक सोने वाली
देर तक सोने के कारण महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाती है। देर तक सोना आलस की निशानी होती है। आलसी स्त्री घर को साफ नहीं रख सकती। घर में लक्ष्मी की कृपा बनाएं रखने के लिए साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी होता है। घर में गंदगी होने से गरीबी बढ़ती है। साथ ही देर तक सोना कई बिमारियों का भी कारण बन सकता हैं। इसलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए, जो देर तक सोती हो या आलसी हो।
3. माता या पिता पक्ष की ओर से कोई रिश्ता हो
किसी भी व्यक्ति को उस स्त्री से कभी शादी नहीं करना चाहिए, जिसका हमारे पिता या माता की ओर से कोई रिश्ता हो। शास्त्रों में आपसी रिश्तेदारी या एक ही गोत्र में विवाह करना मना किया गया है। इससे जेनेटिक बीमारियां होने की भी संभावनाएं रहती हैं। जिस स्त्री से माता पक्ष से पांचवीं पीढ़ी तक और पिता पक्ष से सातवीं पीढ़ी तक रिश्ता जुड़ा हुआ हो, उससे शादी नहीं करना चाहिए।
4. दुष्ट पुरुष से संबंध रखने वाली
स्त्री को दुष्ट पुरुष से मेल-जोल नहीं बढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से वह कभी भी किसी मुश्किल में फंस सकती है। दुष्ट पुरुष उस स्त्री का उपयोग अपने निजी हित के लिए कर सकता है। उसकी संगत में रहने से स्त्री का स्वभाव भी वैसा हो सकता है। ऐसा होने से उसके चरित्र में भी दोष आ जाता है। इसलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए, जो दुष्ट पुरुष से संबंध रखती हो।

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Tuesday, 24 January 2017

लाखों पुरषों और महिलाओं को गंजापन रोकने वाला आयुर्वेदिक उपाय


आजकल कम उम्र में ही बाल गिरना शुरू हो जाता है. कई महिलाएं अपने टीनएज में ही हर रोज 10-150 बाल खो देती हैं. अगर आपके लंबे बाल हैं तो 50 -100 बाल गिरना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर यह उससे अधिक है तो यह समस्या है.

इसके लिए आप को आवश्यकता होगी:

30 मिलीलीटर Dr.nuskhe neem Oil
30 मिलीलीटर नारियल का तेल
नारियल के तेल और Dr.Nuskhe neem Oil तेल एक साथ मिला लें और अपने सिर पर इस मिक्सचर को लगाएं. धीरे धीरे 5 मिनट के लिए मालिश करें और पूरी रात लगाकर छोड़ दें.

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Monday, 23 January 2017

माईग्रेन का दर्द दूर करने के 5 घरेलू उपाय


माईग्रेन का दर्द दूर करने के घरेलू उपाय
1. दिन मे दो बार दही और चावल का सेवन करने से लाभ होता है।
2. लौंग पीसकर हल्का गर्म करके सिर पर लेप लगाने से दर्द मीटता है।
3. केसर को घी मे पीसकर सूघने से माईग्रेन का दर्द चला जाता है।
4. गाय का शुद्ध घी सुबह शाम नाक मे डालने से आराम मिलता है।
5. सूर्योदय से पहले नारियल व गुड़ के साथ छोटे चने के बराबर कपूर मिलाकर तीन दिन तक खाए माईग्रेन का दर्द चला जायेगा ।
नपुंसकता और शीघ्रपतन के उपचार के लिए रोज़ाना १ चम्मच डॉ.नुस्खे अश्वगंधा पाउडर (Dr.Nuskhe Ashwgandha Powder) १ गिलास दूध के साथ 2 खजूर उबाल के पिए| Dr.nuskhe Ashwgandha Powder आर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी http://www.ayurvedastreet.com/
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Sunday, 22 January 2017

नेचुरल एंटीबायोटिक: आयुर्वेद के अनुसार हल्दी वाले दूध में है ये ७ फायदे



आम तौर पर सर्दी होने या शा‍रीरिक पीड़ा होने पर घरेलू इलाज के रूप में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि हल्दी वाले दूध के एक नहीं अनेक फायदे हैं? आयुर्वेद में हल्दी को सबसे बेहतरीन नेचुरल एंटीबायोटिक माना गया है। इसलिए यह स्किन, पेट और शरीर के कई रोगों में उपयोग की जाती है। हल्दी व दूध दोनों ही गुणकारी हैं, लेकिन अगर इन्हें एक साथ मिलाकर लिया जाए तो इनके फायदे दोगुना हो जाते हैं। इन्हें एक साथ पीने से यह कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
हडि्डयों को फायदा
रोजाना हल्दी वाला दूध लेने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। हड्डियां स्वस्थ और मजबूत होती है।
गठिया दूर करने में सहायक
हल्दी वाले दूध को गठिया के निदान और रियूमेटॉइड गठिया के कारण सूजन के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह जोड़ो और पेशियों को लचीला बनाकर दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।
वजन कम करने में सहायक
वजन कम करना हल्दी वाले दूध से पोषण के फैट्स को नष्ट करने में सहायता मिलती है। यह वजन को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
सांस संबंधी बीमारियां
सांस संबंधी बीमारियां हल्दी वाला दूध प्रतिजैविक होने के कारण जीवाणु और विषाणु के संक्रमण पर हमला करता है। इससे सांस सम्बन्धी बीमारियों के उपचार में लाभ मिलता है। यह मसाला आपके शरीर में गरमाहट लाता है और फेफड़े व साइनस में जकड़न से तुरंत राहत मिलती है।
कैंसर
कैंसर जलन और सूजन कम करने वाले गुणों के कारण यह स्तन, त्वचा, फेफड़े, प्रॉस्ट्रेट और बड़ी आंत के कैन्सर को रोकता है। यह कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकता है और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करता है।
नींद न आना
हल्दी वाला गर्म दूध ट्रिप्टोफैन नामक अमीनोअम्ल बनाता है जो शान्तिपूर्वक और गहरी नींद में सहायक होता है।
सर्दी और खांसी
सर्दी और खांसी अपने प्रतिजीवाणु और प्रतिविषाणु गुणों के कारण हल्दी वाले दूध को सर्दी और खांसी का बेस्ट उपचार माना जाता है।
सेक्स की इच्छा ना होना।
शीघ्रपतन।
कमजोरी।
ज्यादा देर तक सेक्स नहीं कर पाना।
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बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व लंबी उम्र के टोटके


बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए उपाय :

१. एक काला रेशमी डोरा लें ! “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें ! उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें !
२. प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें ! बच्चा दीर्घायु होगा !

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कन्या के विवाह हेतु लाल किताब के टोटके



कुंवारी कन्या के विवाह हेतु उपाय:

१. यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ! भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ! विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी !

२. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे ! विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी

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इस तेल की मालिश से महिलाओं और पुरषों की नसों का ढीलापन होगा ख़त्म


#नीम और सौ #हकीम दोनों बराबर है।
ये हैं नीम के तेल के 5 महत्वपूर्ण गुण जिस से कई लोग अभी भी हैं अनजान
1. नीम के तेल और देसी घी को मिलकर लिंग की मालिश करने से नसों का ढीलापन ठीक हो जाता है.
2. नीम के तेल का दिया जलाने से मच्छर भाग जाते है और डेंगू , मलेरिया जैसे रोगों से बचाव होता है. मलेरिया बुखार होने की स्थिति में नीम की छाल को पानी में उबालकर, उसका काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को दिन में तीन बार, दो बड़े चम्मच भरकर पीने से बुखार ठीक होता है और कमजोरी भी ठीक होती है।
3. महिलाएं और पुरुष अपने प्राइवेट पार्ट धोने से खुजली दूर हो जाएगी। नीम के गुणकारी तत्व त्वचा रोगों का नाश करते है इसके लिए नीम के तेल की मालिश प्रतिदिन सारे शरीर में करे तो कुछ दिनों में ही दाद खाज खुजली आदि चर्म की बीमारियाँ दूर हो जाती है ।
4. गठिया की सूजन पर इस के तेल की मालिश करें. नीम के डंठल में, खांसी, बवासीर, प्रमेह और पेट में होने वाले कीड़ों को खत्म करने के गुण होते हैं। इसे प्रतिदिन चबाने या फिर उबालकर पीने से लाभ होता है।
5. गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में नीम के तेल प्रतिदिन पानी के साथ लेने पर पथरी गलने लगती है, और मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाती है। नीम की पत्तियों के रस और शहद को २:१ के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है, और इसको कान में डालने कान के विकारों में भी फायदा होता है।
6. आज कल बहोत सी महिलाएं यौनि की खुजली, योनि के ढीलापन और योनि की कई समस्याओ से परेशान रहती हैं. इन परेशानियों की वजह से वो अक्सर विवाही सुख का आनंद नहीं ले पाती. आइये जानतें हैं कुछ घरलू उपचार जो भर देंगें आपकी जिंदगी में बहार.
  • जिन महिलाओ को योनि में खुजली रहती हैं वो नीम और जैतून के तेल लगाएं आराम मिलेगा
  • जिन महिलाओ की योनि ढीली हो गयी हैं वो जैतून और नीम के तेल से मसाज करें
  • नीम का तेल एक सुरक्षित और बहुत प्रभावी गर्भनिरोधक प्रतीत होता है
  • जैतून के तेल से स्तनों की मसाज करने से उनमें निखार आता हैं.
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Saturday, 21 January 2017

स्वपनदोष,शुक्राणु की वृद्धि, नपुंसकता का आयुर्वेदिक उपाय


शुक्राणु की वृद्धि:
तीन चम्मच ताज़ा आंवले का रस ,तीन चम्मच शहद , एक कप गुनगुना पानी मिलकर नित्य पीने से सभी प्रकार के वीर्य विकार दूर होकर शुक्राणुओं की वृद्धि होती है
स्वपनदोष :
२० ग्राम सूखा आंवला आधा कप पानी मेँ १२ घंटे तक भिगोएं |
इसे छानकर १ ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से स्वपनदोष दूर होता है | आंवले का मुरब्बा दोनों समय भोजन के साथ खाएं |
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नपुंसकता,बांझपन,हड्डी कमजोर,लिंग वृद्धि,योनि रोग में अति लाभकारी अश्वगंधा


निरोग करें शरीर

अश्वगंधा पौधे की पत्तियां त्वचा रोग, शरीर की सूजन एवं शरीर पर पड़े घाव और जख्म भरने जैसी समस्या से लेकर बहुत सी बीमारियों में भी बहुत उपयोगी है।  अश्व‍गंधा के पौधे को पीसकर लेप बनाकर लगाने से शरीर की सूजन, शरीर की किसी विकृत ग्रंथि और किसी भी तरह के फुंसी-फोड़े को हटाने में काम आती है। अश्व‍गंधा पौधे की पत्तियों को घी, शहद पीपल इत्यादि के साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर निरोग रहता है।

चर्म रोग से निजात दिलाये

यदि किसी को चर्म रोग है तो उसके लिए भी अश्वगंधा जड़ीबूटी बहुत लाभकरी है। इसका चूर्ण बनाकर तेल से साथ लगाने से चर्म रोग से निजात पाई जा सकती है।
कैंसर कोशिकाओं को नष्‍ट करें
आमतौर पर कैंसर की दवाएं बीमार कोशिकाओं के साथ-साथ सामान्य कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाती है, जिससे अन्य रोगों के बढ़ने की संभावना हो जाती है। लेकिन कैंसर की दवाओं के साथ अश्वगंधा का सेवन करने से अद्भुत फायदा देखा गया है। अश्वगंधा के प्रयोग से केवल कैंसर ग्रस्त कोशिकाएं व न्यूरान्स ही नष्ट हुए, जबकि अन्य कोशिकाओं व न्यूरान्स को कोई नुकसान नही पहुंचा।

अन्‍य लाभ

  • उच्चरक्तचाप की समस्या से पीडि़त लोग यदि अश्वगंधा के चूर्ण का दूध के साथ नियमित सेवन करेंगे तो निश्चित तौर पर उनका रक्तचाप सामान्य‍ हो जाएगा।
  • शरीर में कमजोरी या दुर्बलता को भी अश्व‍गंधा तेल से मालिश कर दूर किया जा सकता है, इतना ही नहीं गैस संबंधी समस्या में भी ये पौधा अत्यंत लाभदायक होता है।
  • सांस संबंधी रोगों से निजात पाने के लिए अश्वगंधा के क्षार को शहद को घी के साथ मिलाकर सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है।
  • वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियों को दूर करने, तरोताजा रहने और ऊर्जावान बने रहने के लिए अश्वगंघा चूर्ण को प्रतिदिन दूध के साथ लेना चाहिए। इससे मस्तिष्क भी तेज होता है।
  • इसके अलावा अश्वगंधा पौधे के और भी लाभ हैं। यह खांसी, क्षयरोग तथा गठिया में भी यह लाभदायक है।
  • अश्वगंधा पौधे की जड़ पौष्टिक होने के साथ ही पाचक अम्ल और प्लेग जैसी महामारियों से निजात दिलाता है।
  • औषधि के रूप में इसका उपयोग करके कई रोगों को दूर किया जाता है। वाकई अश्वगंधा पौधे के फायदे अनेक है।

जवां बनाये रखें

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार, अश्वगंधा के सेवन से न केवल मनुष्य लंबी उम्र तक जवान रह सकता है बल्कि इसको शरीर की त्वचा पर लगाने से त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों से भी बचा जा सकता है।
अगर आपको भी ये समस्याएं है…
कमजोरी या दुर्बलता

चर्म रोग से निजात दिलाये

सेक्स की इच्छा ना होना।
सांस संबंधी रोगों
उच्चरक्तचाप
शीघ्रपतन।
कमजोरी।
ज्यादा देर तक सेक्स नहीं कर पाना।
नपुंसकता के उपचार के लिए रोज़ाना १ चम्मच डॉ.नुस्खे अश्वगंधा पाउडर (Dr.Nuskhe Ashwgandha Powder) १ गिलास दूध के साथ 2 खजूर उबाल के पिए| Dr.nuskhe Ashwgandha Powder आर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी http://www.ayurvedastreet.com/ आर्डर करें ओर आयुर्वेद से जुडें
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Thursday, 19 January 2017

कैसे बनाए बच्चों का सुनहरा भविष्य, महाभारत से समझें


समाज और देश-दुनिया की महत्वपूर्ण इकाई है परिवार जबकि परिवार की शुरुआत होती है दाम्पत्य से। परिवार की सम्पत्ति होती है संतान। अगर यह कहें कि संतान के बिना समाज का कोई अस्तित्व ही नहीं है तो कोई अचरज नहीं है। अपना परिवार बढ़ाना या संतान का उत्पादन करना सिर्फ व्यक्तिगत ही नहीं बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह कार्य साधारण नहीं बल्कि बड़ा ही महत्वपूर्ण और चुनौती वाला है।

किसी भी युवक या युवति को माता-पिता बनने की जिम्मेदारी को उठाने के लिए आगे आने से पहले हर तरह से तैयार हो जाना चाहिए। पति तथा पत्नी दोनों की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति इस लायक हो कि वे संतान और परिवार की जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकें , तभी उन्ंहे इस दिशा में आगे कदम बढ़ाना चाहिए। स्वयं और परिवार की स्थिति तो ध्याान में रखना ही चाहिये साथ ही देश, समय और परिस्थितियों का भी ध्यान करना ही चाहिए। गलत स्थान, अनुचित समय और विपरीत परिस्थितियों में संतान का जन्म लेना भी समस्याओं को बढ़ावा देता है।

परिवार का भविष्य संतानों के संस्कार और उनकी परवरिश पर ही निर्भर करता है। बच्चों के लालन-पालन के लिए सिर्फ सुख और सुविधाओं की ही आवश्यकता नहीं होती। अभावों में भी बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जा सकते हैं। जब संतानें संस्कारवान और सभ्य होंगी तो परिवार सफल होगा। अगर अधिक लाड़-प्यार में संतानों को बिगाड़ दिया जाए तो परिवार को टूटने में देर नहीं लगेगी।

महाभारत में कौरव और पांडवों में क्या फर्क था। कौरव महलों की सुख-सुविधाओं में पले थे और पांडव जंगल में। फिर भी पांडव नायक हुए और कौरव खलनायक। पांडवों को उनकी मां कुंती ने अकेले ही जंगल में पाला। कोई सुख-सुविधा नहीं। जबकि कौरवों को धृतराष्ट्र और गांधारी ने महलों में पाला। फिर भी आप फर्क देखिए। अपने बच्चों को हमेशा हर चीज सुलभ ना कराएं, कभी-कभी अभावों में जीना भी सिखाएं। अभाव हम में किसी वस्तु को पाने की लालसा भरते हैं। उसके लिए परिश्रम करना सिखाते हैं।

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Wednesday, 18 January 2017

जवानी को बरकरार रखने के रामबाण नुस्खे

इन घरेलू नुस्खों से रखें अपनी जवानी को बरकरार
बाजार में तरह-तरह के प्रोडक्ट हैं, जो दावा करते हैं की वो आपके चेहरे से झुर्रियां खत्म कर देंगे। क्या आप इससे संतुष्ट हैं, ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खे अपना कर आप अपने चेहरे को लंबे समय तक जवान रख सकते हैं।

हमेशा जवान दिखने के लिए जरूरी है पौष्टिक आहार खाना। हरी सब्जियां और दूध को अपने भोजन में जरूर शामिल करें। इसके इस्तेमाल से अपके शरीर में ताकत के साथ त्वचा को पोषण मिलता है।
झुर्रियां हटाने के लिए व्यायाम जरूर करें। व्यायाम करते समय अंग्रेजी का अक्षर E और O बोलें, जिससे चेहरा एक बार फैलेगा और एक बार सिकुड़े। ये प्रक्रिया 5 से 7 मिनट तक करें।
रात में सोने से पहले मूंग दाल भिगो कर रखे और सुबह अंकुरित हो जाए तो इसे चबा-चबा कर खाएं। इसमें विटामिन E की प्रचूर मात्रा होती है। इसका रोजाना सेवन करने से आप लंबे समय तक जवान रह सकते हैं।
जवान दिखने के लिए रोजाना पपीते के टुकड़े से चेहरे पर मसाज करें और मुंह धो लें। इस उपाय को करने से त्वचा के अंदर मौजूद विषैले पदार्थ और धूल, मिट्टी के कण बाहर निकलते हैं। चेहरे से झुर्रियां गायब होती हैं और निखार आता है।
रोजाना एक आंवला का सेवन जरूर करना चाहिए। आंवला चेहरे और बाल के लिए काफी कारगर है। इसमें विटामिन C होता है जो आपको जवान बनाए रखने में काफी कारगर होता है।
गुलाब जल की 2, 3 बूंदों के साथ 3, 4 बूंदें ग्लिसरीन, 1,2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर एक रूई से रात को सोने से पहले अपने चेहरे पर लगाएं। इस उपाय को करने से चेहरे की झुर्रियां खत्म होंगी, चेहरा साफ और कसाव आएगा। इसके अलावा 1 चम्मच गुलाब जल में 1 चम्मच दही, और 1 चम्मच शहद और केला मैश कर लें इस पेस्ट को 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें इससे चेहरे की झुर्रियां खत्म हो जाएंगी।
नारियल में विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होता है। त्वचा को नमीं देने के साथ-साथ कच्चा नारियल उसे जवां बनाने में भी काफी कारगर है। नारियल का दूध 15 मिनट तक अपने चेहरे पर लगाए इससे चेहरे पर निखार के साथ झुर्रियां खत्म होंगी।
शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त रखने के लिए मॉर्निंग वाक और योग बेहद जरूरी है।
नियमित रूप से पौष्टिक भोजन खाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा सिगरेट और शराब के सेवन के बचें।
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Tuesday, 17 January 2017

बुधवार के टोटके धनवान और व्यापर बढ़ाने के लिए



सप्ताह के सातों दिनों का संबंध ग्रहों की सत्ता और उनकी सौरमण्डल में उपस्थिति पर आधारित है। तंत्र शास्त्र के अनुसार अलग-अलग कामनाओं को पूरा करने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं। बुद्धि व धन की प्राप्ति के लिए बुधवार का दिन बहुत श्रेष्ठ है। बुधवार को वणिक वार कहा जाता है। इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखने से व्यक्ति कभी भी आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होता।

* नया व्यापार प्रारंभ किया जाए तो दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की होती है।

* किसी को उधार न दें । किसी भी महीने की कृष्ण पक्ष की 1 तारिख, शुक्ल पक्ष की 2, 3, 4, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13 पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।

* बैंक में अथवा भविष्य को सुरक्षित करने के लिए धन का संग्रह करें। इससे वह अधिक संमय तक स्थाई रहेगा।

* बैंक में जमा खाता खुलवाना, बीमा करवाना, धन का लेन-देन करना, दुकान में माल भरना जैसे काम इस दिन करें।

* शुभ कार्य के लिए जाना हो तो गणेश जी को मोदक का भोग लगा कर, प्रसाद ग्रहण करके जाएं। समस्त कारज सफल होंगे।

* ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का शुक्ल पक्ष के बुधवार से आरंभ करके प्रतिदिन पाठ करें।

* बुधवार को ब्रह्म मूहर्त में सवा पाव मूंग की दाल उबालकर घी और शक्कर के साथ मिलाकर गाय को खिलाएं जल्द ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी।

* ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें।

* गजेन्द्र-मोक्ष स्तोत्र का प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व पाठ करें।

* जन्म या वर्ष कुंडली में बुध ग्रह अशुभफलदायी हो तो भगवान विष्णु का ध्यान करके शुक्ल पक्ष के बुधवार को आरंभ करके 9000 की संख्या में बीज मंत्र का जप करना चाहिए। बुध का तांत्रोक्त मंत्र है

ऊँ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:

दान योग्य वस्तुएं मूंगी, 5 हरे फल, चीनी, हरे पुष्प, हरी इलायची, कांस्य पत्र, पन्ना सोना, हाथी का दांत, हरी सब्जी, हरा कपड़ा, दक्षिणा सहित दान करें।

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नव विवाहित दम्पतियों को शादी के प्रथम वर्ष भूल कर भी नहीं करने चाहिए ये काम



हिंदू धर्म में मुख्य रूप से सोलह संस्कारों की व्याख्या दी गई है। महर्षि वेदव्यास के मतानुसार मनुष्य जब जन्म लेता है तभी से इन संस्कारों का आरंभ हो जाता है और मृत्यु तक पवित्र सोलह संस्कार संपन्न किए जाते हैं। ये 16 संस्कार हैं गर्भाधान, पुंसवन, सीमंतोन्नायन, जातक्रम, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म,  कर्णवेध, यज्ञोपवीत, वेदारंभ, केशांत, समावर्तन, विवाह, आवसश्याधाम। प्रत्येक संस्कार का अपना-अपना महत्व है। 

विवाह संस्कार का केवल वही युवक-युवतियां निर्वाह कर सकते हैं जो शारीरिक और मानसिक रूप से परिपक्व होते हैं। भारतीय संस्कृति में विवाह को न केवल शारीरिक अथवा सामाजिक संबंध माना जाता है बल्कि  आध्यात्मिक साधना का भी रूप माना गया है।
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आप भी विवाह के बंधन में बंधने वाले हैं तो शादी के दिन से लेकर प्रथम वर्षगांठ तक कुछ ऐसे काम हैं जो भूलकर भी नहीं करने चाह‌िए। ऐसा करने से आपका सारा जीवन प्रेम, सुख, वैभव व शांति से व्यतित होगा।

* हनीमून मनाने के लिए कभी भी किसी तीर्थस्‍थल का चयन न करें।

* भगवान श‌िव से संबंध‌ित किसी भी तीर्थस्‍थल पर एक वर्ष तक न जाएं। शास्त्र कहते हैं भोले बाबा वैरागी और मतंग देवता हैं। यदि नवविवाहित श‌िव मंद‌िर जाते हैं और इस दौरान उन्हें माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो जाता है। ऐसे में उनकी होने वाली संतान वैरागी और दुन‌ियादारी से विमुख हो सकती है। पुरूष श‌िव मंद‌िर जाकर श‌िवल‌िंग के दर्शन, पूजन और अभिषेक कर सकते हैं। महिलाओं को ऐसा नहीं करना चाहिए।

* महिलाओं को देवी पार्वती का पूजन करना चाहिए। इस दौरन उनके प्रिय मंत्रों का भी जाप करना चाहिए। देवी पार्वती को प्रसन्‍न करने का मंत्र ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः, ऊँ गौरये नमः
 
* श‌िवल‌िंग का दर्शन दंपत्ति एकसाथ करते हैं तो शादी की पहली वर्षगांठ तक संतान प्राप्त‌ि का व‌िचार न करें।

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