Friday, 30 October 2015

वजन बढ़ाने के उपाय


  • नाश्ते में बादाम,दूध,मक्खन घी का पर्याप्त मात्रा में उपयोग करने से आप तंदुरस्त रहेंगे और वजन भी बढेगा।
  • भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढाएं। दालों में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। अडा,मछली,मीट भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।बादाम,काजू का नियमित सेवन करें।
  • बीमारी की अवस्था में,बीमारी के बाद,यात्रा से या मेहनत से थके होने पर,सुबह और शाम के वक्त और उपवास की अवस्था में अपने पार्टनर से शारीरिक संबंध बनाना हानिकारक है।
  • अधिक केलोरी वाला भोजन लेते रहें।
  • च्यवनप्राश वजन बढाने की और स्वस्थ रहने की मशहूर आयुर्वेदिक औषधि है। सुबह -शाम दूध के साथ सेवन करते रहें।
  • आयुर्वेद में अश्वगंधा और सतावरी के उपयोग से वजन बढाने का उल्लेख मिलता है।३-३ ग्राम दोनों रोज सुबह लं का चूर्ण दूध के साथ प्रयोग करें। वसंतकुसुमाकर रस भी काफ़ी असरदार दवा है।
  • रोज सुबह ३-४ किलोमीटर घूमने का नियम बनाएं। ताजा हवा भी मिलेगी और आपका मेटाबोलिस्म भी ठीक रह्र्गा।
  • भोजन खूब अच्छी तरह से चबा चबा कर खाना चाहिये। दांत का काम आंत पर डालना उचित नहीं है।
  • दोनों वक्त शोच निवृत्ति की आदत डालें।
  • ५० ग्राम किश मिश रात को पानी में भिगोदे सुबह भली प्रकार चबा चबा कर खाएं। २-३ माह के प्रयोग से वजन बढेगा।
  • नारियल का दूध - यह आहार तेलों का समृद्ध स्रोत है और भोजन के लिए अच्छा तथा स्वादिस्ट जायके के लिए जाना जाता है। नारियल के दूध में भोजन पकाने से खाने में कैलोरी बढ़ेगी। जिससे आपके वजन में वृधि होगी।
  • मलाई- मिल्क क्रीम में आवश्यकता से ज्यादा फैटी एसिड होता है। और ज्यादातर खाद्य उत्पादों की तुलना में अधिक कैलोरी की मात्रा होती है। मिल्क क्रीम को पास्ता और सलाद के साथ खाने से वजन तेजी से बढ़ेगा।
  • अखरोट - अखरोट में आवश्यक मोनोअनसेचुरेटेड फैट होता है जो स्वस्थ कैलोरी को उच्च मात्रा में प्रदान करता है। रोज़ 20 ग्राम अखरोट खाने से वजन तेजी से प्राप्त होगा।
  • केला- तुरंत वजन बढाना हो तो केला खाइये। रोज़ दो या दो से अधिक केले खाने से आपका पाचन तंत्र भी अच्छा रहेगा।
  • ब्राउन राइस - ब्राउन राइस कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की एक स्वस्थ खुराक का स्रोत है। भूरे रंग के चावल कार्बोहाइड्रेट का भंडार है इसलिए नियमित रूप से इसे खाने से वजन तेजी से हासिल होगा।
  • आलू- आलू कार्बोहाइड्रेट और काम्प्लेक्स शुगर का अच्छा स्त्रोत है। ये ज्यादा खाने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है।
  • बीन्स : जो लोग शाकाहारी है और नॉनवेज नहीं खाते उनके लिए बीन्स से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। बीन्स के एक कटोरी में 300 कैलोरी होती है। यह सिर्फ वजन बढ़ने में ही मदत नहीं करता बल्कि पौष्टिक भी होता है।
  • मक्खन : मक्खन में सबसे ज्यादा कैलोरी पाई जाती है। मक्खन खाने के स्वाद को सिर्फ बढ़ाता ही नहीं बल्कि वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।

सेब खाने के बेहतरीन फायदे


  1. नींद न आती हो तो सोने से पहले मीठे सेब के मुरब्बे के साथ गुनगुना दूध पीएं।
  2. एक गिलास सेब के रस में मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से पीने से पुरानी से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है।
  3. सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, बेहोशी या उन्माद की शिकायत से ग्रस्त व्यक्ति को भोजन से पहले दो मीठे सेबों का सेवन करना चाहिए।
  4. सेब खाने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है। दोपहर तथा रात को कच्चे सेब की सब्जी मस्तिष्क के रोगों में लाभ पहुंचाती है। रोज शाम को एक मीठा सेब तथा रात को एक गिलास सेब का शरबत पीने से रोगी को अतिशीघ्र लाभ होता है।
  5. आंखों के रोगी इसकी पुल्टिस बनाकर आंखों पर रखें और ताजे सेब को मक्खन के साथ खाएं। इससे पेशाब खुलकर आएगा तथा चेहरे की रंगत भी सुर्ख हो जाएगी।
  6. बुखार में रोगी को ताजे सेब का रस पिलाने से फायदा होता है।
  7. गले में खराबी आने पर ताजे सेब का रस कुछ देर गले में ही रोक कर रखें।
  8. यह पेट के कीड़े, कब्ज और अम्लता को दूर करता है।
  9. बिच्छू के काटने पर, सेब के ताजे रस में आधा ग्राम कपूर मिलाकर हर आधे घंटे बाद पिलाएं।
  10. शरीर में रक्त की कमी हो, उच्च रक्तचाप हो तो सेब का सेवन अति लाभदायक है।
  11. पुराने सिर दर्द में रोज एक सेब नमक लगाकर खाएं।
  12. इसका सेवन दांतों और मसूढ़ों को मजबूत और कीटाणु रहित बनाता है।
  13. खांसी में सेब के रस में मिश्री मिलाकर पिएं।

Wednesday, 28 October 2015

आहार जो करे एसिडिटी पर वार



टमाटर
कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन-सी भरपूर टमाटर शरीर से जीवाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है। एसिडिटी में टमाटर खाने से लाभ मिलता है। इसका नियमित सेवन एसिडिटी से लंबे समय तक राहत दिलाता है। स्‍वाद में खट्टा होने के बावजूद टमाटर शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ाता है। इसीलिए इसके सेवन से एसिडिटी नहीं बढ़ती।



संतरा
संतरे में मौजूद फ्रक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा प्रदान करने लगते हैं। संतरे का नियमित सेवन एसिडिटी से राहत पाने का उत्तम उपाय है।


पपीता
पपीता पचने में आसान है। इससे आमाशय तथा आंत संबंधी विकारों में बहुत लाभ मिलता है। पपीता कब्ज, गैस, एसिडिटी व कफ जैसे रोगों में लाभकारी होता है।


अमरूद
अमरूद कब्ज और एसिडिटी दोनों के लिए लाभकारी है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, फाइबर व मिनरल होते हैं। फाइबरन की अधिकता के कारण यह कब्‍ज दूर करने में सहायक होता है।


जामुन
जामुन को दवा के तौर पर खाया जा सकता है। पेट के रोगों में जामुन का सेवन काफी लाभकारी होता है। खाली पेट जामुन खाने से गैस व एसिडिटी की समस्या से निजात मिलती है।

बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जीभ का स्‍वाद कई बीमारियों की जड़ होता है। अच्‍छी सेहत के लिए जरा से स्‍वाद को दरकिनार करना महंगा सौदा नहीं। फिर भी अगर आपको लगता है कि स्‍वाद सेहत से ज्‍यादा कीमती है, तो मर्जी आपकी है...

सेंधा नमक के आयुर्वेदिक नुस्खे



गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर उससे गारगल करें। इससे न सिर्फ दांतों की चमक बढ़ती है, बल्कि गले से संबंधित कई प्रकार की परेशानियां भी दूर होती हैं। Ayurvedatreet

नहाएं बॉडी को रिलैक्स और रिफ्रेश करने के लिए सेंधा नमक को नहाने के पानी में मिलाएं या इससे बॉडी पर हल्का-सा मसाज करने के बाद गुनगुने पानी से नहाएं। दोनों ही तरीके बहुत ही फायदेमंद होते हैं। मसल्स को रिलैक्स करने के साथ ही यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है। साथ ही, बॉडी को डिटॉक्सीफाई भी करता है। Ayurvedatreet

पानी में मिलाकर पिएं पानी या लस्सी में सेंधा नमक मिलाकर पीना बहुत ही फायदेमंद रहेगा। ये डाइजेशन से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है और पेट की समस्याओं से निजात दिलाता है। Ayurvedatreet

नीम के आयुर्वेदिक नुस्खे


नीम को आयुर्वेद में एक बहुत ही उपयोगी वनस्पति माना गया है। नीम का प्रयोग अनेक रोगों में चमत्कारी असर दिखाता है। नीम के उपयोग से कई लाइलाज बीमारियों को ठीक किया जा सकता है आइए आज हम आपको बताते हैं नीम के कुछ ऐसे प्रयोग जो दिखाएंगे नीचे लिखी समस्याओं में जादू सा असर...

नीम के आयुर्वेदिक नुस्खे:


  • नीम का प्रयोग घाव, दाद, रक्तशोधन में लाभकारी होता है। इसकी पत्तियों का रस भी बहुत गुणकारी माना जाता है।
  • नीम जूस शरीर की रंगत निखारने में असरदार  Ayurvedastreet
  • प्रेगनेंसी के दौरान नीम का रस योनि के दर्द को कम करता है। कई प्रेगनेंट औरते लेबर पेन से मुक्ती पाने के लिये नीम के रस से मसाज करती हैं। गर्भाशय और उसके आस-पास के अंगों का सूजन उतर जाता है, भूख लगती है, दस्त साफ होता है, ज्वर नहीं आता, यदि आता भी है तो उसका वेग अधिक नहीं होता।नीम की पत्तियों के रस और शहद को 2:1 के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है, और इसको कान में 
  • डालने से कान के विकारों में भी फायदा होता है।
  • नीम जूस पीने से, शरीर की गंदगी निकल जाती है। जिससे बालों की क्वालिटी, त्वचा और डायजेशन अच्छा हो जाता है।
  • इसके अलावा नीम जूस मधुमेह रोगियों के लिये भी फायदेमंद है। अगर आप रोजाना नीम जूस पीएंगे तो आपका ब्लड़ शुगर लेवल बिल्कुल कंट्रोल में हो जाएगा। Ayurvedastreet
  • नीम के रस की दो बूंदे आंखो में डालने से आंखो की रौशनी बढ़ती है और अगर कन्जंगक्टवाइटिस हो गया है, तो वह भी जल्द ठीक हो जाता है।
  • यह बुरे कैलेस्ट्रोल को कम या नष्ट करता है। नीम का महीने में 10 दिन तक सेवन करते रहने से हार्ट अटैक की बीमारी दूर हो सकती है।
  • नीम के रस का फायदा मलेरिया रोग में किया जाता है। नीम वाइरस के विकास को रोकता है और लीवर की कार्यक्षमता को मजबूत करता है।
  • अध्ययन से पता चला है कि नीम तेल गर्भनिरोधक वास्तव में 30 सेकंड के भीतर योनि में शुक्राणु को मारता है और पांच घंटे के लिए सक्रिय रहता है।
    एक स्नेहक के रूप में इसके अलावा नीम का तेल कृत्यों में, और यह भी योनि और यौन संचारित रोगों से कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
    • इस तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
    • इस तेल की मालिश से लिंग में वृद्धि होती हैं
    • इस तेल का दिया जलाने से मच्छर भाग जाते है और डेंगू , मलेरिया जैसे रोगों से बचाव होता है|
    • इस तेल की 5-10 बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज़्यादा पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फ़ायदा होता है।
    • इस के 25 ग्राम तेल में थोडा सा कपूर मिलाकर रखें यह तेल फोडा-फुंसी, घाव आदि में उपयोग रहता है।
    • गठिया की सूजन पर इस के तेल की मालिश करें।
    • सबसे चमत्कारी उपयोग इस तेल को सर पर लगाने से गंजापन दूर हो जाता है और बाल भी नैचुरली काले हो जातें हैं.
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Monday, 19 October 2015

जवान दिखने के लिए 9 आयुर्वेदिक नुस्खे


आयुर्वेद में ऐसी अनेक चीजों के बारे में बताया गया है, जिनका नियमित सेवन कर आप हमेशा जवान बने रह सकते हैं। आज हम आप को उन्हीं में से कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं…
  1. भृंगराज चूर्ण 100 ग्राम, आमल की चूर्ण 50 ग्राम, तिल 50 ग्राम, इन तीनों में गुड़ मिलाकर इसका सेवन 10 से 12 ग्राम मात्रा में रोजाना करें।आयुर्वेदिक मान्यता है कि इस योग का सेवन बूढ़े को भी जवान बना देता है। दिन के खाने में दाल, चोकर युक्त रोटी लें। रात में गाय के दूध का सेवन करें।
     
  2. खाली पेट बाल हरड़ खाएं। शाम को दूध जरूर पिएं। रोजाना हरड़ लेते रहने से व आंवले का उपयोग करते रहने से, दूध घी पीने से यौवन हमेशा बना रहेगा।
     
  3.  विटामिन सी से भरपूर चीजों के सेवन से जल्दी बुढ़ापा नहीं आता है। आंवले को विटामिन सी से भरपूर माना गया है। इसलिए रोजाना कम से कम एक आंवले का सेवन करना चाहिए। साथ ही, एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल भी खाने चाहिए।
     
  4. त्रिफला को आयुर्वेद में शरीर की लगभग हर बीमारी के लिए बहुत अच्छी औषधि माना गया है। त्रिफला से पेट से जुड़ी समस्याएं जड़ से मिट जाती हैं। रोजाना त्रिफला का सेवन मौसम अनुसार आयुर्वेदिक विधि से करें। इससे यौवन उम्र भर बना रहता है।
     
  5. सुबह दूध, दोपहर में सब्जी, दाल, चोकर युक्त रोटी खाएं। रात्रि में गाय के दूध का सेवन करें।च्यवनप्राश जरूर खाएं। ज्यादा पानी पिएं।
     
  6. अमृतावर्णरस, बसन्तसुकुमार के रस का उपयोग 250 मिलीग्राम की मात्रा दिन में एक बार शहद में मिलाकर करें।आयुर्वेद के अनुसार इन रसायनों का सेवन 40 वर्ष की उम्र में करना अच्छा रहता है, क्योंकि यह एक ऐसी अवस्था है, जब व्यक्ति में शारीरिक धातुओं का विकास पूर्णता प्राप्त कर चुका होता है।
     
  7. हर व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम छह घंटे आराम की नींद लेना बहुत जरूरी है। ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। संभव हो तो जंक फूड और नॉनवेज को बंद कर दें। इस तरह के खाने से शरीर में चर्बी बहुत तेजी से बढ़ती है। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होती जाती है। कोई भी बीमारी जल्द ही आपको प्रभावित कर लेती है। सात्विक खाना खाएं और योगासन करें। आपकी जवानी लंबे समय तक बनी रहेगी।
     
  8. डार्क चॉकलेट, वाइन पीना, सामाजिक बने रहना और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना, ये ऐसी बातें हैं जो हर आदमी अपना सकता है। ऐसी छोटी-छोटी बातें ही इंसान को सदा जवान बने रहने में मदद करती हैं। इसके अलावा हमेशा खुशमिजाज रहना, दूसरों के साथ जल्दी घुलना-मिलना भी इसमें काफी सहायता करता है।
     
  9. बादाम, किशमिश, सेब, अमरूद, केला, टमाटर, लौंग, मुनक्का, आंवला, संतरा, छुआरे, खजूर, अंजीर, अखरोट, घी, दूध, आदि का सेवन करना चाहिए।
डॉ. नुस्खे शक्तिवर्धक योग पाउडर शक्तिवर्धक स्वप्नदोष और धातु कमज़ोरी में बहुत लाभकारी हैं। इस से वीर्य गाढ़ा हो स्तम्भन शक्ति बढ़ जाती हैं। जिन युवको को धातु की कमज़ोरी हो या पेशाब में धात गिरती हो तो उनको हर रोज़ एक चममच डॉ. नुस्खे शक्तिवर्धक योग और गुड़ का एक चम्मच रात्रि को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ ज़रूर सेवन करना चाहिए।
अदरक को वृषण भी कहा जाता है, वृषण का अर्थ होता है सांड! सांड शारीरिक रूप से और यौन श्रमता में सबसे अधिक ताकतवर माना जात्रा है! इस पाउडर में अदरक का भी उपयोग किया गया है.
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डाइजेशन fit रखने के 8 नुस्खे


1. विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं-
टमाटर, कीवी फल और स्ट्रॉबेरी जैसे विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। विटासिन सी से भरे हुए फल और सब्जियों को खाएं, ऐसा करने से आपका मल अच्छे से साफ होगा।

2. नींबू पानी पिएं-
अगर आपको सुबह गर्म पानी पीना पसंद नहीं है, तो एक गिलास में नींबू का रस निचोड़ कर उसे पिएं। इससे आपके पेट में बन रहा एसिड कम हो जायेगा और आपका पेट भी साफ रहेगा।

3. तनाव कम करें-
लगातार पाचन समस्याओं का कारण तनाव हो सकता है। तनाव आपके पाचन तंत्र पर बहुत बुरा असर डालता है। इसलिए, योग और मेडिटेशन जैसे व्यायाम का अभ्यास करके अपने तनाव को नियंत्रित करें।

4. समय से भोजन करें-
अच्छे पाचन के लिए रोज एक ही समय पर खाना खाएं। रोज नियमित समय पर खाना खाने से पाचन तंत्र पर अच्छा असर पड़ता है और एसिड भी नहीं बनता है।

5. फास्ट फूड से बचें-
फास्ट फूड जैसे पिज्जा, पास्ता, बर्गर आदि का सेवन बिलकुल बंद कर दें। फास्ट फूड कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को पैदा करता है। क्योंकि, फास्ट फूड को पचने में बहुत समय लगता है। इसलिए, फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए।

6. रोज खाएं दही-
रोज एक कटोरी लो फैट दही खाएं। दही में प्रोबायोटिक्स होते है, जो आपके पाचन को अच्छा रखते हैं। पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए दही से सेवन बहुत फायदेमंद होता है।

7. देर रात भोजन करने से बचें-
हमरा पाचन तंत्र शाम को धीमा हो जाता है। जिससे हमारे पेट में पाचन रसायन बनाने लगता है, इसलिए देर रात को खाना खाने से हमारा पाचन बिगड़ जाता है।

8. नियमित रूप से व्यायाम करें-
हर रोज व्यायाम करने से पाचन बहुत अच्छा रहत है। रोज व्यायाम करने से शरीर के साथ-साथ पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है और आपके रक्त प्रवाह भी सही ढ़ंग से चलता रहता है।

पैरों को साफ और सुंदर बनाने के 9 घरेलू नुस्खे



डॉक्टर्स के अनुसार पैर और पैर की एड़ियों को साफ-सुथरा करना भी उतना ही जरुरी है, जितना कि सिर के बालों को शैंपू करना। कहते हैं कि जो लोग अपने पैर साफ रखते हैं, उन्हें कई तरह की बीमारियां नहीं होती है। इसके अलावा पैरों को साफ रखने से न सिर्फ वे सुंदर लगेंगे, बल्कि आपको फटी एड़ियों के कारण शर्मिंदा भी नहीें होना पड़ेगा। इसलिए हर व्यक्ति को रोज अपने पैरों को साफ करने के लिए 10 मिनट का समय जरूर निकालना चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में जिन्हें अपनाने से आपके पैर बहुत जल्दी साफ हो जाएंगे।
  1. जिन लोगों को पैर में ज्यादा पसीना आता है, उनके लिए सिरका बहुत अच्छा उपाय है।अपने पैरों को पानी और थोड़े से सिरके में डुबोएं और फिर 10 मिनट के बाद पैर धो लीजिए।
     
  2.  यदि आप फटी एड़ियों से परेशान हैं तो उस पर नींबू रगड़ें। इसके साथ ही हल्के गर्म पानी में एक ताजा नींबू निचोड़ें। इसके बाद अपने पैैराेें को कुछ देर के लिए पानी में डालें।
     
  3. शहद अगर आपको लगता है कि आपके पैर बहुत ज्यादा रूखे हैं, तो शहद का उपयोग करें। शहद से अपने पैरों की 10 मिनट तक मसाज करें। इसके बाद इन्हें 10 मिनट के लिए गर्म पानी में डुबोएं और फिर ब्रश से घिस कर साफ करें।
     
  4. नहाने के लिए इस्तेमाल करने वाले शैंपू के झाग से आप पैरों की एड़ियां भी साफ कर सकते हैं।
     
  5. प्याज का रस फटी एडियों को ठीक करने में बहुत लाभकारी होता है। हफ्ते में दो बार प्याज का रस एड़ियों पर लगाना चाहिए।
     
  6. अपने पैरों को पानी से धो लें और टमाटर के छिलके से पैरों को रगड़े। इससे टैनिंग मिटती है।
     
  7. पैरों को गीला करके दोनेदार चीनी को 10 मिनट तक के लिए रगड़े। फिर पैरों को गर्म पानी में कुछ देर डूबोकर रखें।
     
  8. पैरों को साफ करने के लिए दानेदार नमक का उपयोग करें।
     
  9. संतरे के रस में बहुत सारा विटामिन सी होता है। अगर आपके पैर सूरज की धूप में जल गए हैं, तो उन पर संतरे का रस लगाइए,15 मिनट के बाद जब रस सूख जाए तब पैरों को साफ पानी से धो लीजिए।
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Wednesday, 14 October 2015

स्वस्थ रहने के 5 सरल उपाय

 
  1. चाय- कॉफी आदि के स्थान पर सादा ठंडा या गुनगुना पानी, नींबू पानी, छाछ, गाजर, पालक चुकन्दर, लौकी, टमाटर इत्यादि सब्जियों का एव मौसम्मी या संतरा, पपीता इत्यादि फलों के रस का उपयोग लाभकारी होता है। 
  2. डाइबीटीज (शक्कर) के रोगी को शक्कर या उससे बने पदार्थों से पूर्ण परहेज करना चाहिए। फलों में अधिक मीठे फल का सेवन कम करें। फल के रस के बजाय फल खायें ।। 
  3. दानामेथी और करेला डाइबीटीज की रामबाण दवा हैं। इनका रोज उपयोग करें। दानामेथी रोज१८/२४ घंटे पानी में, जहां तक संभव हो सके मिट्टी के बर्तन में भिगोयें। दूसरे दिन सुबह नाश्ते के पहले या बाद में दानामेथी का पानी पी लें। दानामेथी अंकुरित कर सलाद में या नमक, नींबू लगाकरभी खा सकते हैं। सूखी दानामेथी या इसका चूरा लेने पर गर्मी कर सकती है। 
  4. भोजन में स्वाद बढ़ाने वाली चीजें जैसे मिर्च, प्याज, लहसुन, खटाई इत्यादि का प्रयोग कम से कम करें, हो सके तो छोड़ दें। 
  5. रोज शाम निवृत्त हो जाने के बाद, दिनभर में अपने पुरूषार्थ से किये काम- काजों की सफलता अथवा असफलता प्रभु को समर्पित कर, निश्चिंत होकर, जल्दी सोंये ताकि सुबह भोर में उठ सकें ।।

बादाम के घरेलू नुस्खे

आंखों के सभी प्रकार के रोग


आंखों से पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आंखों का थकना आदि रोगों में बादाम को भिगोकर सुबह के समय पीसकर पानी मिलाकर पी जाएं तथा ऊपर से दूध पीने से लाभ होता है।

Source: http://www.streetayurveda.com/6-remedies-of-almonds/

Tuesday, 13 October 2015

Navratri: An important 9-day Indian festival

Navratri is the festival when Hindus celebrate the 9 forms/manifestations of the divine Mother Goddess – Shakti. Here is a short description of the 9 different forms of the devine Mother.

Follow the link to read whole post: http://www.streetayurveda.com/navratri-importance-of-the-9-day-indian-festival/

बढाएं सेक्स पावर आयुर्वेदिक Tips से

कामेन्द्रिय को पुष्ट और ताकतवर बनाया जा सकता है और से़क्स का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।

लहसून की 2-3 कलियां कच्ची चबाकर खाने से सेक्स पावर बढता है। यह हमारे शरीर की रोगों से लडने की ताकत बढाता है। लहसुन उन लोगों के लिये भी हितकर है जो अति सेक्स सक्रिय रहते हैं। इसके उपयोग से नाडीमंडल तंदुरस्त रहता है जिससे अधिक सेक्स के बावजूद थकावट मेहसूस नहीं होती है। लहसुन के नियमित उपयोग से स्वस्थ शुक्राणुओं का उत्पादन होता है।भोजन में भी लहसुन शामिल करें।

प्याज कामेच्छा जागृत करने और बढाने में विशेष सहायक है। इससे लिंग पुष्ट होता है। एक प्याज कूट-खांडकर मखन या देसी घी में तलें। इसे एक चम्मच शहद में मिश्रित कर खाली पेट खाएं। यह उपचार शीघ्र पतन,स्वप्नदोष और नपुंसकता में बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है। भोजन मे कच्चा प्याज खाना हितकर है।

उडद की दाल का आटा २०० ग्राम लें। इसे प्याज के रस में एक ह्फ़्ता रखें। बाद में इसे सूखाकर किसी बर्तन में भरकर रख दें। रोज खाली पेट १५ ग्राम लेते रहने से कामेच्छा बढती है और नपुंसकता दूर होती है।

  • गाजर २०० ग्राम पीसलें।इसमें १५ ग्राम शहद और एक उबला अण्डा भी मिला दें। सहवास शक्तिवर्धक (aphrodisiac) बढिया नुस्खा है।
देसी मरदाना ताकत की टिप्स पाने के लिए हमारे फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करें https://www.facebook.com/groups/desibaatein


Monday, 12 October 2015

जायफल से करें नपुंसकता अौर शीघ्रपतन दूर: आयुर्वेदिक उपचार

जायफल यूं तो सर्दियों में उपयोगी है लेकिन इसकी औषधीय महत्ता आयुर्वेद में साल भर मानी गई है। यह वेदनानाशक, वातशामक और कृमिनाशक है। स्नायविक संस्थान के लिए उपयोगी होता है। यकृत को सक्रिय करने वाला और सुपाच्य होने से पाचन संस्थान के लिए उपयोगी होता है।

अनिद्रा, खांसी, सांस, हिचकी, शीघ्रपतन और नपुंसकता आदि व्याधियां दूर करने में उपयोगी होता है। इसके चूर्ण और तेल को उपयोग में लिया जाता है।

नपुंसकता : जायफल को घिस कर दूध में मिलाकर हफ्ते में तीन दिन पीने से नपुंसकता की बीमारी दूर होती है। यौन शक्ति बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके चूर्ण और तेल को शीघ्रपतन दूर करने में उपयोग में लिया जाता है।
 
http://www.streetayurveda.com/health-benefits-of-nutmeg-in-hindi/

Tuesday, 29 September 2015

क्या आप जानते हैं मनचाहा जीवनसाथी पाने का मंत्र?


'श्रीरामचरितमानस' के दोहों और चौपाइयों का मंत्र के रूप में प्रयोग काफी पहले से किया जाता रहा है. ऐसी मान्‍यता है कि इस ग्रंथ में जो दोहे या चौपाई जिस प्रसंग में लिखे गए हैं, उससे मिलती-जुलती परिस्‍थ‍िति पैदा होने पर उन पंक्‍तियों के ध्‍यान-स्‍मरण या जप से साधकों का कल्‍याण होता है.
मानस में मनचाहा जीवनसाथी पाने का भी बहुत सुंदर प्रसंग है. उन चौपाइयों का मंत्र के रूप से पूरी आस्‍था के साथ ध्‍यान व जप करने से कामना की पूर्ति होती है. इतना जरूर है कि कामना सच्‍ची और पवित्र होनी चाहिए, वह तभी फलदायी होती है. मंत्र इस प्रकार है:
तौ भगवानु सकल उर बासी। करिहि मोहि रघुबर कै दासी।। 

जेहि कें जेहि पर सत्‍य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।  
प्रसंग बालकांड का है. राजा जनकजी प्रतिज्ञा करते हैं कि वे अपनी पुत्री सीताजी का विवाह उससे करेंगे, जो शिव के भारी धनुष को उठाकर तोड़ दे. सीताजी का मन श्रीराम के प्रति आकर्षित हो चुका था. वे चाहती थीं कि उनके पिता की प्रतिज्ञा बेकार न जाए. साथ ही उनका विवाह तेजस्‍वी व हर तरह से श्रेष्‍ठ राजकुमार श्रीराम से ही हो. परंतु उनके मन में यह संदेह था कि शायद ये सुकुमार शिव के भारी धनुष को उठा न सकें. ऐसे में उनका मन व्‍याकुल हुआ जा रहा था.
तब सीताजी धीरज रखकर अपने हृदय में यह विश्‍वास ले आईं, ‘अगर तन, मन और वचन से मेरा प्रण सच्‍चा है और श्रीरघुनाथजी के चरणकमलों में मेरा मन वास्‍तव में रम गया है, तो सबके हृदय में निवास करने वाले श्रीरामजी उन्‍हें जीवनसंगिनी जरूर बनाएंगे. जिसका जिस पर सच्‍चा स्‍नेह होता है, वह उसे मिलता ही है, इसमें कुछ भी संदेह नहीं है.’

फैशन के लिए ना करे योगासन

आजकल देश में योग का चलन एक फैशन की तरह बढ़ गया है। देखादेखी एक-दूसरे की होड़ में योग अपनाने का शौक चर्राने लगा है। टीवी चैनल्स पर आये दिन नये योग गुरु योगासन सिखा रहे हैं। इनकी देखादेखी ही नीता ने योगासन शुरू किया। एक कम्पनी में सोट्री पद पर कार्यरत नीता ने पता नहीं कहां गलती की कि उसकी पीठ में दर्द रहने लगा है। हजारों रुपयों की दवाइयां व इंजेक्शन के बाद भी नीता अभी तक पूरी तरह ठीक नहीं हुई है। ऐसा ही कुछ अविनाश के साथ हुआ। 

टीवी पर एक योग गुरु को योगासन करते देख उसने योगासन शुरू किया। पहले दो-तीन दिन तो ठीक रहा फिर पता नहीं उसकी क्रिया में कहां चूक हुई कि गर्दन में पीड़ा हो गयी। योगाभ्यास शरीर के लिये उपयोगी है किन्तु (किस व्यक्ति) शारीरिक क्षमतानुकूल के लिये कौन सा आसन और कितनी देर तक करने पर अनुकूल होगा, इसका निर्णय एक योग्य प्रशिक्षक ही कर सकता है। इसलिए टीवी रेडियो, अखबार-पत्रिकाओं में पढ़कर व देखकर स्वयं योग करना घातक हो सकता है।

योगाभ्यास करने से पहले योग्य गुरु की सलाह ले और ध्यान रखें।
1. कुछ आसन, कुछ बीमारी वाले लोगों के लिये नहीं होते, अत: मनमाने आसन न करें।
2. समय व खुराक (डाइट) का विशेष ध्यान रखें।
3. यूं ही मनमाने ढंग का योगाभ्यास लाभ की जगह हानि पहुंचा सकता है।
4. आजकल की व्यस्त जिंदगी में भागमभाग व आपाधापी बढ़ी है किन्तु योगाभ्यास के मामले में इस प्रवृति से बचिए।
तो योग करें किन्तु योग्य प्रशिक्षक की निगरानी में।

Tuesday, 4 August 2015

हल्दी के अनूठे लाभ



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अदरक के औषधीय गुण


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Monday, 27 July 2015

सुखी गृहस्थी के खास सूत्र: श्रीकृष्ण से सीखें



भगवान श्रीकृष्ण का जीवन आदर्श गृहस्थी का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण की 16 हजार से अधिक रानियां थीं। इनमें से तीन प्रमुख थीं। इसके बाद भी श्रीकृष्ण के दाम्पत्य में कभी आप अशांति नहीं पाएंगे क्योंकि श्रीकृष्ण सुखी गृहस्थ जीवन के गूढ़ रहस्यों को जानते थे। 

गृहस्थ जीवन के इन्हीं प्रमुख सात सूत्रों के बारे में श्रीमद्भागवत में विस्तृत वर्णन किया गया है जो श्रीकृष्ण ने संसार को दिए हैं। सुखी गृहस्थ जीवन का पहला सूत्र है संयम। पति-पत्नी के बीच में संयम होना अति आवश्यक है। यदि पति-पत्नी के जीवन में संयम होगा तो जीवन आनंदमय कटेगा। दाम्पत्य का दूसरा सूत्र है संतुष्टि। संतोष के अभाव में दाम्पत्य का सुखमय होना मुश्किल है। इसी प्रकार सुखी गृहस्थ जीवन के अन्य सूत्र जो श्रीकृष्ण ने दिए हैं वे हैं संतान, संवेदनशीलता,  संकल्प, सक्षम और अंतिम सूत्र है समर्पण। Ayurvedastreet

भागवत के अनुसार इन सभी सूत्रों का पालन करने पर भी यदि दाम्पत्य में प्रेम न पवित्रता नहीं है तो यह सब व्यर्थ है। इन सात सूत्रों का पालन कर तथा जीवन में प्रेम व पवित्रता को लाकर हम भी हमारा गृहस्थ जीवन सुखमय बना सकते हैं।

Sunday, 26 July 2015

आयुर्वेदिक नियमों के पालन से संतान सर्वगुण सम्पन्न होती है


आयुर्वेद में मुनियों ने गर्भाधान से सम्बंधित विषयों के संबंध में बहुत विस्तार से बताया है। इसमें बताए गए कुछ आयुर्वेदिक नियमों का पालन अगर कोई पति-पत्नी करे तो मान्यता है कि पैदा होने वाली संतान सर्वगुणसम्पन्न होती है-:

एक महीने तक ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले पुरुष को उड़द की दाल से बनाई गई खिचड़ी के साथ दूध खाने का निर्देश है, साथ ही मासिक स्राव रुकने से अंतिम दिन (ऋतुकाल) के बाद जोड़े वाले दिनों में जैसे छठी, आठवीं एवं दसवीं रात को यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश है,लेकिन ऐसा नहीं है कि अयुग्म दिनों में यानी पांचवीं, सातवीं एवं नौवीं रात्रि को यौन सम्बन्ध बनाने से संतान की प्राप्ति नहीं होगी। Ayurvedastreet
ऋतुकाल के बाद की 4 रात की अपेक्षा,6 रात एवं 6 की अपेक्षा आठवी रात को यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति की दृष्टीकोण से अच्छा माना गया है।
ऋतुकाल के 16 से 30 दिन यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति के लिए अच्छा नहीं माना गया है
आयुर्वेद मतानुसार ऋतुकाल के सामान्य 4 दिनों में से पहले दिन स्त्री से यौन सम्बन्ध बनाना आयु को नष्ट करनेवाला बताया गया है और 4 दिन के बाद यौन सम्बन्ध बनाना संतानोत्पत्ति क़ी दृष्टी से उत्तम माना गया है अर्थात मासिक स्राव के दिनों को छोड़कर ही यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश दिया गया है।
उत्तम संतान के लिए लक्ष्मणा, वट के नए कोपल, सहदेवा एवं विश्वदेवा में से किसी एक को दूध के साथ पीस कर स्त्री के दाहिने और पुरुष को नाक के बाएं छिद्र में डालना चाहिए।
 शराब के सेवन से आपके होने वाले बच्चे के वजन पर, सीखने समझने की काबलियत पर, आँखों पर, अंगों पर, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।कैफीन का सेवन गर्भवती महिला में गर्भपात और बच्चे के असामयिक जन्म का खतरा बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान पारा युक्त मछली के सेवन से बचना चाहिए।
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 बैंगन, मिर्ची, प्याज, लहसुन, हिंग, बाजरा, गुड़ का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, खासकर के उनको जिनका किसी न किसी कारण से पहले गर्भपात हो चुका है। मसालेदार मांस का सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि उसमे हानिकारक जीवाणुओं का समावेश हो सकता है। इस प्रकार गर्भधारण संस्कार में बताए गए नियमों से उत्पन्न संतान बलवान, ओजस्वी, आरोग्ययुक्त एवं दीर्घायु होती है।

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Thursday, 23 July 2015

आंखों से चश्मा उतारने के आयुर्वेदिक नुस्खे


आंख हमारे शरीर का सबसे खूबसूरत और उपयोगी अंग होने के साथ ही सबसे अधिक संवेदनशील अंगों में से एक है। रात को देर तक जागने व तनाव ग्रस्त रहने एलर्जी, नींद कम आने धूल, धूप और प्रदूषित वातावरण में रहने से आंखें थकी-थकी कान्तिहीन लगती है व अस्वस्थ हो जाती हैं। इसीलिए इसकी देखभाल करने की भी सदियों से परम्परा रही है,जो कभी सूरमा के नाम से तो कभी काजल के नाम से प्रचलित रही है। भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद भी इस मामले में पीछे नहीं रही है. Ayurvedastreet- eyes care

आइए, आज हम कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे आपको नेत्र रोगों के सम्बन्ध में बताते हैं .... 

- ठंडी ककड़ी या कच्चे आलू की स्लाइस काटकर दस मिनट आंखों पर रखें। पानी अधिक पीएं। पानी कमी से आंखों पर सूजन दिखाई देती हैं। सोने से 3 घंटे पहले भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से आंखे स्वस्थ रहती हैं।
- गुलाब जल का फोहा आंखों पर पर एक घंटा बांधने से गर्मी से होने वाली परेशानी में तुरंत आराम मिल जाता है 
-आंखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना , आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पी जाएं। Ayurvedastreet- eyes care
- आंखों पर चोट लगी हो, जल गई हो, मिर्च मसाला गिरा हो, कोई कीड़ा गिर गया हो, आंख लाल हो, तो दूध गर्म करके उसमें रूई का फुआ डालकर ठंडा करके आंखों पर रखने से लाभ होता है।
केला, गन्ना खाना आंखों के लिए हितकारी है। गन्ने का रस पीएं।एक नींबू एक गिलास पानी में पीते रहने से जीवन भर नेत्र ज्योति बनी रहती है।
- एक चम्मच पानी में एक बूंद नींबू का रस डालकर दो-दो बूंद करके आंखों में डालें। इससे आंखें स्वस्थ रहती है। Ayurvedastreet- eyes care

नपुंसकता और शीघ्रपतन के उपचार के लिए रोज़ाना १ चम्मच डॉ.नुस्खे अश्वगंधा पाउडर (Dr.Nuskhe Ashwgandha Powder) १ गिलास दूध के साथ 2 खजूर उबाल के पिए| Dr.nuskhe Ashwgandha Powder आर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी http://www.ayurvedastreet.com/

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Tuesday, 21 July 2015

देशी गाय के घी से होने वाले लाभ

  1. गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
  2. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
  3. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
  4. (20-25 ग्राम) घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
  5. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
  6. नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाताहै। Ayurvedastreet
  7. गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
  8. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
  9. गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
  10. हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।
  11. हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
  12. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
  13. गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है
  14. गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है। Ayurvedastreet
  15. अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
  16. हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
  17. गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
  18. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
  19. देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
  20. घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है.
  21. फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
  22. गाय के घी की झाती पर मालिस करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।
  23. सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा।
  24. दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। Ayurvedastreet
  25. सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।
  26. यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है ।यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
  27. एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है।
  28. गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है।
  29. गाय का घी एक अच्छा (LDL) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है।
  30. अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।
    वंदे गौ मातरम् ।।

Gau mata ki jai..


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