Monday, 27 July 2015

सुखी गृहस्थी के खास सूत्र: श्रीकृष्ण से सीखें



भगवान श्रीकृष्ण का जीवन आदर्श गृहस्थी का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण की 16 हजार से अधिक रानियां थीं। इनमें से तीन प्रमुख थीं। इसके बाद भी श्रीकृष्ण के दाम्पत्य में कभी आप अशांति नहीं पाएंगे क्योंकि श्रीकृष्ण सुखी गृहस्थ जीवन के गूढ़ रहस्यों को जानते थे। 

गृहस्थ जीवन के इन्हीं प्रमुख सात सूत्रों के बारे में श्रीमद्भागवत में विस्तृत वर्णन किया गया है जो श्रीकृष्ण ने संसार को दिए हैं। सुखी गृहस्थ जीवन का पहला सूत्र है संयम। पति-पत्नी के बीच में संयम होना अति आवश्यक है। यदि पति-पत्नी के जीवन में संयम होगा तो जीवन आनंदमय कटेगा। दाम्पत्य का दूसरा सूत्र है संतुष्टि। संतोष के अभाव में दाम्पत्य का सुखमय होना मुश्किल है। इसी प्रकार सुखी गृहस्थ जीवन के अन्य सूत्र जो श्रीकृष्ण ने दिए हैं वे हैं संतान, संवेदनशीलता,  संकल्प, सक्षम और अंतिम सूत्र है समर्पण। Ayurvedastreet

भागवत के अनुसार इन सभी सूत्रों का पालन करने पर भी यदि दाम्पत्य में प्रेम न पवित्रता नहीं है तो यह सब व्यर्थ है। इन सात सूत्रों का पालन कर तथा जीवन में प्रेम व पवित्रता को लाकर हम भी हमारा गृहस्थ जीवन सुखमय बना सकते हैं।

Sunday, 26 July 2015

आयुर्वेदिक नियमों के पालन से संतान सर्वगुण सम्पन्न होती है


आयुर्वेद में मुनियों ने गर्भाधान से सम्बंधित विषयों के संबंध में बहुत विस्तार से बताया है। इसमें बताए गए कुछ आयुर्वेदिक नियमों का पालन अगर कोई पति-पत्नी करे तो मान्यता है कि पैदा होने वाली संतान सर्वगुणसम्पन्न होती है-:

एक महीने तक ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले पुरुष को उड़द की दाल से बनाई गई खिचड़ी के साथ दूध खाने का निर्देश है, साथ ही मासिक स्राव रुकने से अंतिम दिन (ऋतुकाल) के बाद जोड़े वाले दिनों में जैसे छठी, आठवीं एवं दसवीं रात को यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश है,लेकिन ऐसा नहीं है कि अयुग्म दिनों में यानी पांचवीं, सातवीं एवं नौवीं रात्रि को यौन सम्बन्ध बनाने से संतान की प्राप्ति नहीं होगी। Ayurvedastreet
ऋतुकाल के बाद की 4 रात की अपेक्षा,6 रात एवं 6 की अपेक्षा आठवी रात को यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति की दृष्टीकोण से अच्छा माना गया है।
ऋतुकाल के 16 से 30 दिन यौन सम्बन्ध बनाना संतान प्राप्ति के लिए अच्छा नहीं माना गया है
आयुर्वेद मतानुसार ऋतुकाल के सामान्य 4 दिनों में से पहले दिन स्त्री से यौन सम्बन्ध बनाना आयु को नष्ट करनेवाला बताया गया है और 4 दिन के बाद यौन सम्बन्ध बनाना संतानोत्पत्ति क़ी दृष्टी से उत्तम माना गया है अर्थात मासिक स्राव के दिनों को छोड़कर ही यौन सम्बन्ध बनाने का निर्देश दिया गया है।
उत्तम संतान के लिए लक्ष्मणा, वट के नए कोपल, सहदेवा एवं विश्वदेवा में से किसी एक को दूध के साथ पीस कर स्त्री के दाहिने और पुरुष को नाक के बाएं छिद्र में डालना चाहिए।
 शराब के सेवन से आपके होने वाले बच्चे के वजन पर, सीखने समझने की काबलियत पर, आँखों पर, अंगों पर, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।कैफीन का सेवन गर्भवती महिला में गर्भपात और बच्चे के असामयिक जन्म का खतरा बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान पारा युक्त मछली के सेवन से बचना चाहिए।
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 बैंगन, मिर्ची, प्याज, लहसुन, हिंग, बाजरा, गुड़ का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, खासकर के उनको जिनका किसी न किसी कारण से पहले गर्भपात हो चुका है। मसालेदार मांस का सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि उसमे हानिकारक जीवाणुओं का समावेश हो सकता है। इस प्रकार गर्भधारण संस्कार में बताए गए नियमों से उत्पन्न संतान बलवान, ओजस्वी, आरोग्ययुक्त एवं दीर्घायु होती है।

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Thursday, 23 July 2015

आंखों से चश्मा उतारने के आयुर्वेदिक नुस्खे


आंख हमारे शरीर का सबसे खूबसूरत और उपयोगी अंग होने के साथ ही सबसे अधिक संवेदनशील अंगों में से एक है। रात को देर तक जागने व तनाव ग्रस्त रहने एलर्जी, नींद कम आने धूल, धूप और प्रदूषित वातावरण में रहने से आंखें थकी-थकी कान्तिहीन लगती है व अस्वस्थ हो जाती हैं। इसीलिए इसकी देखभाल करने की भी सदियों से परम्परा रही है,जो कभी सूरमा के नाम से तो कभी काजल के नाम से प्रचलित रही है। भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद भी इस मामले में पीछे नहीं रही है. Ayurvedastreet- eyes care

आइए, आज हम कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे आपको नेत्र रोगों के सम्बन्ध में बताते हैं .... 

- ठंडी ककड़ी या कच्चे आलू की स्लाइस काटकर दस मिनट आंखों पर रखें। पानी अधिक पीएं। पानी कमी से आंखों पर सूजन दिखाई देती हैं। सोने से 3 घंटे पहले भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से आंखे स्वस्थ रहती हैं।
- गुलाब जल का फोहा आंखों पर पर एक घंटा बांधने से गर्मी से होने वाली परेशानी में तुरंत आराम मिल जाता है 
-आंखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना , आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पी जाएं। Ayurvedastreet- eyes care
- आंखों पर चोट लगी हो, जल गई हो, मिर्च मसाला गिरा हो, कोई कीड़ा गिर गया हो, आंख लाल हो, तो दूध गर्म करके उसमें रूई का फुआ डालकर ठंडा करके आंखों पर रखने से लाभ होता है।
केला, गन्ना खाना आंखों के लिए हितकारी है। गन्ने का रस पीएं।एक नींबू एक गिलास पानी में पीते रहने से जीवन भर नेत्र ज्योति बनी रहती है।
- एक चम्मच पानी में एक बूंद नींबू का रस डालकर दो-दो बूंद करके आंखों में डालें। इससे आंखें स्वस्थ रहती है। Ayurvedastreet- eyes care

नपुंसकता और शीघ्रपतन के उपचार के लिए रोज़ाना १ चम्मच डॉ.नुस्खे अश्वगंधा पाउडर (Dr.Nuskhe Ashwgandha Powder) १ गिलास दूध के साथ 2 खजूर उबाल के पिए| Dr.nuskhe Ashwgandha Powder आर्डर करने के लिए लिंक पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी http://www.ayurvedastreet.com/

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Tuesday, 21 July 2015

देशी गाय के घी से होने वाले लाभ

  1. गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
  2. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
  3. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
  4. (20-25 ग्राम) घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
  5. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
  6. नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाताहै। Ayurvedastreet
  7. गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
  8. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
  9. गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
  10. हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।
  11. हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
  12. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
  13. गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है
  14. गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है। Ayurvedastreet
  15. अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
  16. हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
  17. गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
  18. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
  19. देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
  20. घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है.
  21. फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
  22. गाय के घी की झाती पर मालिस करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।
  23. सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा।
  24. दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। Ayurvedastreet
  25. सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।
  26. यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है ।यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
  27. एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है।
  28. गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है।
  29. गाय का घी एक अच्छा (LDL) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है।
  30. अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।
    वंदे गौ मातरम् ।।

Gau mata ki jai..


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Monday, 20 July 2015

How to keep your heart strong



  1. Be sweet. Instead of chocolate, try blueberries or strawberries. These heart-healthy treats are filled with natural antioxidants that can help keep your arteries open.  Ayurvedastreet
  2. Move to the beat. Grab a partner and do some fancy footwork. Any activity that gets you moving — like dancing or walking — can help increase blood circulation, reduce stress and protect your heart. 
  3. Do your thing. Activities like painting, writing, yoga and meditation can help slow your heart and breathing rates and lower your blood pressure, all of which are good for your body and your heart. 
  4. Avoid tobacco. If you smoke, join a tobacco-cessation program to help you quit, and talk to your doctor about medications that can help increase your chances of kicking the habit. If you don’t smoke, avoiding secondhand smoke may also help protect your heart, lungs and blood vessels. Ayurvedastreet
  5. Maintain a healthy weight. If you are overweight, losing as little as 10 pounds/Kilos can make a difference and lower your risk of heart problems. Living a healthy lifestyle can help your heart stay strong, so you can live — and love — for years to come.  Ayurvedastreet
 For questions or advice about a specific condition, talk to your physician.
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Friday, 17 July 2015

दाद और खुजली को दूर करे


दाद और खाज दूर करने के लिए पीपल के 4 पत्तों को चबाकर सेवन करें। यदि एैसा नहीं कर सकते हो तो पीपल के पेड़ की छाल का काढ़ा बना लें और इसे दाद व खुजली वाली जगह पर लगाएं। Ayurvedastreet

फ्रूट्स के बीज भी है फायदेमंद



जानते हैं इनसे होने वाले फायदों के बारे में

आम
इसकी गुठली के अंदर पाए जाने वाले बीज से पेट संबंधी बीमारियां दूर होती हैं। इसके अलावा यह दस्त, बवासीर और मासिक धर्म के दौरान होने वाले अधिक रक्त स्राव को रोकता है। Ayurvedastreet
प्रयोग : बीजों को सुखाकर इसका पाउडर बना लें। इसे एक से डेढ़ चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ लें। लेकिन जिन्हें कब्ज की शिकायत हो वे परहेज करें।

इमली
इसके बीज शक्तिवर्द्धक होते हैं जो श्वेतप्रदर (वाइट डिस्चार्ज) व माहवारी में अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या में भी ये बीज लाभकारी हैं। Ayurvedastreet
प्रयोग : बीज को पीसकर उसका पाउडर बना लें व 3-5 ग्राम चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम लें। कब्ज होने पर इस्तेमाल न करें।

कटहल
इसके बीज पौष्टिक और वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं।
प्रयोग : 5-6 बीजों को रात में पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट चबाकर खाएं, इसे दूध के साथ भी ले सकते हैं। जिन्हें भूख कम लगती है या अपच की शिकायत हो वे इनका प्रयोग न करें क्योंकि ये भारी होते हैं। Ayurvedastreet

तरबूज
इसके बीज ठंडे और पौष्टिक होते हैं। कमजोर लोग और गर्भवती महिलाएं जिनका वजन कम हो उनके लिए ये लाभकारी होते हैं। Ayurvedastreet
प्रयोग : इन बीजों को छीलकर दो-दो चम्मच पानी या दूध के साथ लें। इन्हें ऎसे भी खाया जा सकता है। कब्ज होने पर सेवन न करें।

खरबूजा
जिन लोगों को पेशाब कम आने या जलन की शिकायत है, उनके लिए इसके बीज काफी लाभकारी होते हैं। ये बीज किडनी के रोगियों को भी लाभ पहुंचाते हैं। Ayurvedastreet
प्रयोग: इन्हे छीलकर दोे चम्मच पानी और दूध के साथ या ऎसे भी खा सकते हैं। इसका इस्तेमाल मिठाई या नमकीन में मेवे के रूप में भी किया जा सकता है। जिन्हें बार-बार पेशाब आने की समस्या हो वे इनका सेवन न करें।

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Thursday, 16 July 2015

जमीन पर बैठकर खाने से मिलते है ये चार लाभ



1. पाचन प्रक्रिया को आसान बनाती है Ayurvedastreet
2. हृदय को मजबूत कर रक्त प्रवाह सुधारती है
3. काबू में रहता है वजन Ayurvedastreet
4. जोड़ों को बनाता है लचीला Ayurvedastreet

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Tuesday, 14 July 2015

हाथ या पैर के तलवो मे जलन

  1. करेला : करेले के पत्तों का रस निकालकर पैरों के तलुवों पर इसकी मालिश करने से पैरों की जलन दूर हो जाती है। करेले के पत्तों को पीसकर पैरों पर लेप करने से भी इस रोग में लाभ होता है।Ayurvedastreet - Knee and Hands
  2. लौकी : लौकी को काटकर इसके गूदे को पैरों के तलुवों पर लगाने से पैरो की गर्मी, जलन आदि दूर हो जाती है। 
  3. सरसों : हाथ-पैरों या पैरों के तलुवों में जलन होने पर सरसों का तेल लगाने से लाभ होता है। 2 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच सरसों का तेल मिलाकर रोजाना दोनों पैर इस पानी के अंदर रखें। 5 मिनट के बाद पैरो को किसी खुरदरी चीज से रगड़कर ठण्डे पानी से धोने से पैर साफ रहते हैं और पैरों की गर्मी दूर होती है। Ayurvedastreet - Knee and Hands
  4. मेहंदी : गर्मी के मौसम में जिन लोगों के पैरों में लगातार जलन होती रहती है उनकें पैरों में मेंहदी लगाने से उनकी जलन दूर हो जाती है। 
  5. आम : आम की बौर (फल लगने से पहले निकलने वाले फूल) को रगड़ने से हाथों और पैरों की जलन समाप्त हो जाती है। 
  6. धनिया : सूखे धनिये और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इसको 2 चम्मच की मात्रा में रोजाना 4 बार ठंडे पानी से लेने से हाथ और पैरों की जलन दूर हो जाती है। Ayurvedastreet - Knee and Hands
  7. मक्खन : मक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से हाथ और पैरों की जलन दूर हो जाती है। 
  8. कतीरा ( कतीरा एक प्रकार का गोंद होता है) : 2 चम्मच कतीरा को रात को सोने से पहले 1 गिलास पानी में भिगों दें। सुबह कतीरा के फूल जाने इसको शक्कर के साथ मिलाकर रोजाना खाने से हाथों और पैरों की जलन दूर हो जाती है। वैसे तो यह हर मौसम में काम आता है लेकिन गर्मियों में बहुत ही लाभदायक होता है। * Ayurvedastreet - Knee and Hands
  9. शरीर में विटामिन बी १ की कमी के कारण भी पैरो के तलुओ में जलन होती हैं इसलिए भोजन में विटामिन बी १ का इस्तेमाल करे। इसके लिए मटर, हरी सब्जिया, आलू, दूध, अंकुरित गेंहू, काजू इसके अच्छे स्त्रोत हैं। 
  10. अपनी ब्लड शुगर की भी जांच ज़रूर करवाये, कुछ रोगियों को ब्लड शुगर के कारण ऐसी समस्याओ का सामना करना पड़ता हैं। Ayurvedastreet - Knee and Hands
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Monday, 13 July 2015

झड़ते बालों से बचने के लिए घरेलू नुस्खे

  •  झड़ते बालों से बचने के लिए रात में मेथी के बीजों को पानी में भिगो देना चाहिए। सुबह उठने पर इन्हे पीसकर लेप जैसा बना लेना चाहिए और फिर इस लेप को बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।
  • बाल झड़ने बेर के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर लगाने से बाल दोबारा उगने लगते हैं।Ayurvedastreet
  • ताजा धनिये का रस या गाजर का रस बालों की जड़ों में लगाने से रोगी व्यक्ति के बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
  • सिर में जिस जगह से बाल झड़ गये हैं उस जगह पर प्याज का रस लगाने से बाल दोबारा उग आते हैं।
  • खोपरे (नारियल) के तेल को मुलेठी, ब्राह्मी, मेहंदी के पत्ते डाल कर उबालें और ठंडा होने के बाद बोतल में भरकर रखें और नियमित रूप से बालों की मालिश करें। इससे बाल घने, काले, चमकीले तो होंगे ही साथ ही दिमाग को भी पोषण मिलेगा।Ayurvedastreet
  • बाल झड़ते हैं तो गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गरम पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने पर कुछ ही दिनों बालों के झडऩे की समस्या दूर हो जाएगी।
  • दालचीनी और शहद के मिश्रण काफी कारगर रहता है। आयुर्वेद के अनुसार इनके मिश्रण से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। त्वचा और शरीर को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने के लिए इनका उपयोग करना चाहिए।Ayurvedastreet
  • गाजर को पीसकर लेप बना लें। फिर इस लेप को सिर पर लगाये और दो घंटे के बाद धो दें। ऐसा प्रतिदिन करने से बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
  • गंजेपन को दूर करने के लिए रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए।
  • आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रखना चाहिए और सुबह के समय में इसको मसल कर लेप बना लेना चाहिए। इसके बाद इस लेप को 15 मिनट तक बालों में लगाएं। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल कुदरती काले हो जाते हैं।Ayurvedastreet
  • रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह के समय उठते ही इस पानी को पी लें। इसके साथ ही आधा चम्मच आंवले के चूर्ण का सेवन भी करे। इससे कुछ ही समय में बालों के झड़ने का रोग ठीक हो जाता है।
  • गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एक साथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल सफेद भी नहीं होते हैं।
  • लगभग 80 ग्राम चुकन्दर के पत्तों के रस को सरसों के 150 ग्राम तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब पत्तों का रस सूख जाए तो इसे आग पर से उतार लें और ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ने रुक जाते हैं तथा बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।Ayurvedastreet
  • कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडना बंद हो जाते हैं तथा बाल घने भी होना शुरु हो जाते हैं। नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झड़ना बंद हो जाता है।
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चाय जो घटा दे आपका मोटापा



सामग्री-
1 चम्मच जीरा
1 चम्मच साबुत धनिया
1 चम्मच सौंफ ayurvedastreet
2 बारीक स्लाइस, अदरक चम्मच काली मिर्च के दाने
5-7 लौंग
2 इंच दालचीनी का टुकड़ाayurvedastreet
1 लीटर पानी

विधि -
सबसे पहले पानी को सभी सामग्रियों के साथ उबाल लें।ayurvedastreet
जब पानी अच्छी तरह से उबल जाए तब इसे 5 से 10 मिनट तक ऐसे ही रख दें।
उसके बाद इसे छान कर एक कप में निकाल कर पियें।ayurvedastreet

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Sunday, 12 July 2015

Banana a Day


We knew bananas were good for you but this we didn’t know.

The fully ripe banana produces a substance called TNF, which has the ability to combat abnormal cells.
As the banana ripens, it develops dark spots or patches on the skin. The more dark patches it has, the higher will be its’ immunity enhancement quality.Ayurvedastreet

Hence, the Japanese love bananas for a good reason…

According to a Japanese scientific research, banana contains TNF, which has anti-cancer properties.
The degree of anti-cancer effect corresponds to the degree of ripeness of the fruit, i.e. the riper the banana, the better the anti-cancer quality…Ayurvedastreet

In an animal experiment carried out by a professor in Tokyo U comparing the various health benefits of different fruits, using banana, grape, apple, water melon, pineapple, pear and persimmon, it was found that banana gave the best results. It increased the number of white blood cells, enhanced the immunity of the body and produced anti-cancer substance TNF.Ayurvedastreet

The recommendation is to eat 1 to 2 bananas a day to increase your body immunity to diseases like cold, flu and others.

According to the Japanese professor, yellow skin bananas with dark spots on it are 8 times more effective in enhancing the property of white blood cells than the green skin version.Ayurvedastreet

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Saturday, 11 July 2015

दुनिया के सबसे बड़े 7 डाक्टर



1- सुरज की किरणें
2- रोजाना रात 6/8 घंटे निंद Ayurvedastreet
3- शुध्द शाकाहारी भोजन
4- हर रोज व्यायाम.
5- खुद पर विश्वास Ayurvedastreet
6- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन
7- अच्छे दोस्त
Ayurvedastreet

डॉ. नुस्खे शक्तिवर्धक योग पाउडर शक्तिवर्धक स्वप्नदोष और धातु कमज़ोरी में बहुत लाभकारी हैं। इस से वीर्य गाढ़ा हो स्तम्भन शक्ति बढ़ जाती हैं। जिन युवको को धातु की कमज़ोरी हो या पेशाब में धात गिरती हो तो उनको हर रोज़ एक चममच डॉ. नुस्खे शक्तिवर्धक योग और गुड़ का एक चम्मच रात्रि को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ ज़रूर सेवन करना चाहिए।
अदरक को वृषण भी कहा जाता है, वृषण का अर्थ होता है सांड! सांड शारीरिक रूप से और यौन श्रमता में सबसे अधिक ताकतवर माना जात्रा है! इस पाउडर में अदरक का भी उपयोग किया गया है.
डॉ नुस्खे शक्तिवर्धक योग पाउडर (Dr.Nuskhe Shaktivardhak Yog powder) खरीदने के लिए  http://www.ayurvedastreet.com पर क्लिक करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी
डॉ.नुस्खे नीम आयल और देसी घी को मिलकर लिंग की मालिश करने से नसों का ढीलापन और शिथलता दूर होती है. अपनी बोतल www.ayurvedastreet.com से आर्डर करें और पाएं फ्री होम डिलीवरी
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Friday, 10 July 2015

मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद भिंडी


भिंडी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में उपयोगी साबित होता है। भिंडी खून में पहले से मौजूद शुगर के अंश को सोख लेती है और ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य बनाने में मदद करती है। मैक्स की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ. सुनिता रॉय चौधरी के मुताबिक शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में भी भिंडी मददगार होती है। इससे शुगर का स्तर ठीक रहता है या फिर आप शुगर की आशंका से दूर रहते हैं।
सेक्स की इच्छा ना होना। शीघ्रपतन। कमजोरी। ज्यादा देर तक सेक्स नहीं कर पाना।

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Thursday, 9 July 2015

महिलाओं के अंत:वस्‍त्र और सेक्‍स पसंद


आपके अंत:वस्‍त्र (जिसे अंग्रेजी में लिंगेरी भी कहते हैं) जितने आकर्षक ज्‍यादा होंगे, आपके पार्टनर में यौन इच्‍छा उतनी ही प्रबल होगी! बाजार में कई प्रकार की लिंगेरी बाजार में उपलब्‍ध हैं, लेकिन आपको कौन सी चुननी है, यह आप तय करेंगी अपने पार्टनर की इच्‍छाओं को ध्‍यान में रखते हुए। लिंगेरी एक ऐसी चीज है, जिसमें पुरुष अपनी पार्टनर के सौंदर्य को अच्‍छी तरह से देख पाते हैं। और सेक्‍स के लिए उत्‍तेजित हो जाते हैं blog.ayurvedastreet.com

इससे संबंधित कुछ टिप्‍स:
1. लिंगेरी का महत्‍व तभी है, जब आप अपने पार्टनर में यौन इच्‍छा जागृत करना चाहती हैं। लिंगेरी का रंग हमेशा डार्क होना चाहिए, जैसे काला, तीखा लाल, मैरून, बर्गन्‍डी या भूरा, आदि। इससे आपके शरीर का सौंदर्य उभर कर सामने आता है। ऐसे में पुरुष का ध्‍यान शरीर की ओर खिंचता है। हलका गुलाबी, सफेद, आदि रंग उत्‍तेजित नहीं कर पाते। http://facebook.com/groups/ayurvedictips
2. अगर आप हलका रंग ही लेना चाहती हैं, तो उसमें नेट वाली लिंगेरी लें। वैसे डार्क रंग में नेट वाली लिंगेरी पुरुषों को उत्‍तेजित करने में सबसे ज्‍यादा कारगर साबित होती हैं। 
3. लिंगेरी के कपड़े की क्‍वालिटी अच्‍छी होनी चाहिए। साधारण सूती कपड़े या कड़क कपड़े से बनी लिंगेरी पुरुषों को ज्‍यादा आकर्षित नहीं कर पातीं। सभी महिलाओं को यह सीक्रेट मालूम होना चाहिए। मुलायम सूती (सॉफ्ट कॉटन), सिल्‍क या साटन से बने अंत:वस्‍त्र ही लें। लेस वाली लिंगेरी भी बाजार में उपलब्‍ध हैं, वो पुरुषों में यौन इच्‍छा को प्रबल करती हैं। ayurvedastreet.blogspot.in
4. अपने पार्टनर की यौन इच्‍छा को तीव्र बनाने के लिए अंत:वस्‍त्र ज्‍यादा से ज्‍यादा स्‍टाइलिश होने चाहिए। ऐसे अंत:वस्‍त्र पहनें और हलका सा मेकअप करें, बालों को अपने पार्टनर की पसंद ध्‍यान में रखते हुए सेट करें, या पूरी तरह खोल दें। ध्‍यान रहे पुरुषों को वो बाल पसंद होते हैं, जिनमें से भीनी-भीनी खुशबू आती है, लिहाजा अच्‍छी खुशबू वाला शैम्‍पू इस्‍तेमाल करें। बालों में पसीने की बदबू नहीं होनी चाहिए। 
5. आकर्षक अंत:वस्‍त्र पहनने से पहले अच्‍छा होगा यदि आप अपने शरीर के अनचाहे बाल साफ कर दें। विशेष अंगों पर बाल पार्टनर में यौन इच्‍छा को कम करते हैं। बेहतर होगा यदि आप हेयर-रिमूवर के बाद नहाएं और फिर शरीर पर बेबी-ऑयल लगा लें, इससे शरीर और भी ज्‍यादा कोमल हो जाता है। पसीने में अगर बदबू आती है तो अच्‍छे डियोडरेंट का इस्‍तेमाल करें। ayurvedastreet.blogspot.in
6. बेहतरीन लिंगेरी पहनने के बाद आप सोच रही होंगी कि उसके ऊपर क्‍या पहने। ऊपर जींस, टॉप, साड़ी, सल्‍वार सूट, आदि से कहीं ज्‍यादा सटीक नाइट गाउन रहेगा। उसमें भी अगर आप 2-पीस वाला गाउन (ऊपर साटन का गाउन, नीचे नेट का) चुनें, तो सबसे अच्‍छा है, ताकि अपने पार्टनर के करीब जाने पर आप धीरे-धीरे उसे उत्‍तेजित कर सकें। गाउन के रंग अगर लाल, गुलाबी, बैगनी या सफेद हो तो अच्‍छा है। उस पर हलकी खुशबू वाला परफ्यूम आपकी रात को और ज्‍यादा सुहावनी बना सकता है।
महिलाओं को उत्‍तेजित करना वाले पुरूष के अंग: 
पुरूष का कंधा: पुरूष का चौड़ा कंधा महिला को सबसे ज्‍यादा अपनी तरफ आकर्षित करता है। जब पुरूष अपनी बाहों में महिला का आलिंगन करता है तो महिला पुरी तरह उत्‍तेजित हो जाती है। बेड पर सेक्‍स के दौरान कुछ महिलाएं पुरूष के कंधे पर अपने दांतों से काटना भी पसंद करती है। ऐसा चौड़ा कंधा जिसके आगोश में महिला खुद को महफूज महसूस करे महिलाओं को बहुत पसंद होता है। ayurvedastreet.blogspot.in
चौड़ा सीना: पुरूष शारीरिक रूप से मजबूत हो यह महिलाओं को सबसे ज्‍यादा पसंद होता है। पुरूष का चौड़ा सीना भी महिलाओं को सबसे ज्‍यादा आकर्षित करता है। महिला अपने साथी के सीने पर अपने हाथों का स्‍पर्श देकर पुरूष को भी उत्‍तेजित करती है और खुद भी उत्‍तेजित होती है।

जुबान: पुरूषों की जुबान यह पुरूष के शरीर का एक ऐसा अंग होता है जिससे महिलाएं बहुत ही पसंद करती है। यदि पुरूष अपने जुबान का सही इस्‍तेमाल महिला के शरीर पर करता है, मसलन जीभ से महिला के शरीर को सहलाना, होंठों को स्‍पर्श करना आदि तो महिला अपनी उत्‍तेजना की चरमोत्‍कर्ष पर पहुंच जाती है। 
लिंग: महिला को पुरूष का लंबा और मोटा लिंग बहुत पसंद होता है। सेक्‍स के दौरान महिला अपने साथी के लिंग को स्‍पर्श करके इस बात से संतुष्‍ट होती है। बिस्‍तर पर महिला अपने साथी के लिंग को चुमकर, या फिर उसे अपने शरीर से रगड़ कर उत्‍तेजित होने की कोशिश करती है।

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मजबूत काठी: कोई भी महिला सदैव एक मजबूत काठी के पुरूष के प्रति जल्‍दी ही आकर्षित हो जाती है बजाए एक दुर्बल शरीर वाले व्‍यक्ति के। ऐसे शरीर वाला पुरूष जो कि महिला के शरीर को बिस्‍तर पर आसानी से नियंत्रित कर सके, उसे आगोश में ले सके ऐस शरीर के व्‍यक्ति को महिलाएं ज्‍यादा पसंद करती है।

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Wednesday, 8 July 2015

इन आसान तरीकों से आंखों के नीचे का डार्क सर्कल हटाएं!


कई बार, आंखों के नीचे होने वाले काले घेरे, अनहेल्दी लाइफस्टाइल का परिणाम होते हैं। बहुत ज्यादा काम करने, तनाव लेने, नींद न पूरी हो पाने और अन्य कारणों से आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं। डार्क सर्कल का इलाज घरेलू उपायों से आसानी से किया जा सकता है। पुरुषों की आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को दूर करने के कुछ उपाय इस प्रकार है- ayurvedastreet.blogspot.in

डार्क सर्कल को ट्रीट करने का सबसे अच्छा उपाय खीरा का इस्तेमाल करना होता है। खीरा एक अच्छा एस्ट्रीजेंट होता है और यह बेहतरीन क्लींनजर भी होता है जो आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को खत्म कर देता है। खीरे के स्लाइस काट लें और उन्हे आंखों पर रख लें। ऐसा दिन में दो बार करें, लगभग दस दिन में लाभ मिल जाएगा।ayurvedastreet.blogspot.in

अगर आंखों के नीचे डार्क सर्कल हैं तो खूब पानी पिएं। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन किसी भी दवाई से बेहतर होता है। यह एक साधारण घरेलू उपाय है जो आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को दूर कर देता है। पानी पीने से स्कीन हाईड्रेट रहती है और डार्क सर्कल नहीं हो पाते हैं।ayurvedastreet.blogspot.in

काफी लम्बे समय तक सही तरीके से नींद पूरी न होने पाने की वजह से भी आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं। अगर आपकी नींद पिछले कई दिनों से पूरी नहीं हुई है तो सबसे पहले सोएं। जब आप पूरा आराम लेंगे और आंखों को आराम देंगे तो काले घेरे अपने आप सही हो जाएंगे। आंखों के नीचे होने वाले काले घेरे, व्यक्ति की कम नींद के बारे में बताते हैं।

टी बैग्स का उपयोग करके भी पुरूषों की आंखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल को दूर किया जा सकता है। सुबह की चाय के बाद यूज किए हुए टी बैग्स को अपने फ्रीज में रख दें। जब आपको समय मिलें तो उन्हें फ्रिज से बाहर निकाल लें और रूम के तापमान पर होने के लिए रख दें। बाद में इन्हें अपनी आंखों पर लगा लें। इससे आपको आराम मिलेगा और काले घेरे कम होंगे।ayurvedastreet.blogspot.in

टमाटर में कई ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा के डार्क कलर को हल्का कर देते हैं और त्वचा को ग्लो प्रदान करते हैं। एक चम्मच टामटर का पेस्ट और नींबू की रस की कुछ बूंदे मिला लें और मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को अपनी आंखों के नीचे के काले घेरे पर लगाएं। इसे दस मिनट तक यूं ही लगा रहने दें और बाद में ठंडे पानी से धो लें।

बादाम का तेल कई प्राकृतिक गुणों से भरपूर होता है जो आंखों के आसपास की त्वचा को फायदा पहुंचाता है। बादाम के तेल के नियमित उपयोग से त्वचा का रंग हल्का पड़ जाता है, इसीलिए इसे आंखों के आसपास लगाने से डार्क सर्कल दूर हो जाते है। रात में इसे आंखों के नीचे थोड़ा सा लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। मसाज करने के बाद ऐसा ही छोड़ दें। सुबह उठने के बाद मुंह धो लें।ayurvedastreet.blogspot.in

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गर्मियों में त्वचा को चमकाने के नुस्खे


क्या आप गर्मियों में अपनी त्वचा को बेजान एवं रूखी-रूखी दिखने से बचाना चाहती हैं? एक विशेषज्ञ की सलाह है कि रोजाना आठ गिलास पानी पिएं व जंक फूड न खाएं। दमकती व स्वस्थ त्वचा के कुछ ऐसे ही उपयोगी टिप्स बताए हैं। आइए डालें इन पर एक नजर :

प्रतिदिन छह से आठ गिलास पानी पिएं, जिससे आपके शरीर से विषैले तत्व (टॉकिन्स) निकल जाएं।केला, नारियल के गूदे का दूध और शहद को लगाएं, क्योंकि यह चीजें आपके चेहरे में नमी लाती हैं। यह झुर्रियों व काले घेरे से भी बचाते हैं।ayurvedastreet.blogspot.in

गर्मी के मौसम में जंक फूड से परहेज करें। यह शरीर में न केवल पोषक तत्वों की कमी करते हैं, बल्कि विषैले तत्व भी बनाते हैं। विटामिन और खनिज पदार्थो से भरपूर भोजन का सेवन करें।गुलाब जल में विटामिन ई तेल एवं कुछ चुटकी कपूर पाउडर डालें और अच्छे से मिला लें। इसे चेहरे पर लगाएं। यह लेप सर्वश्रेष्ठ स्क्रीन टोनर का काम करता है। पोषण के लिए टोनिंग जरूरी है।

एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस लेकर मिला लें। इसे चेहरे पर लगाएं और 10-15 मिनट बाद सादे पाने से धो लें।एलोवेरा जैल को शहद के साथ मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। मलमल के कपड़े में थोड़ी सी बर्फ लें और पार्टी या किसी अन्य समारोह में जाने से पहले इसे 30 मिनट के लिए अपने चेहरे पर हल्के हाथों से मलें।ayurvedastreet.blogspot.in

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गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए चंद कारगर नुस्खें




डॉक्टरों के मुताबिक गर्मियों में मानव शरीर से पसीना अधिक निकलने के कारण 'इलेक्ट्रोलाइट' असंतुलित हो जाता है। इसलिए खाने से पहले फल और सब्जी की तासीर जान लेना जरूरी है। यदि इस बात का ध्यान नहीं रखा गया और गर्म तासीर वाले फलों को सेवन किया गया तो उससे शरीर में विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं।

बढ़ती गर्मी, सूरज की तपिश और उमस लोगों को बदहजमी और डिहाइड्रेशन का शिकार बना रही है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि आ अपने खाने-पीने की आदतों पर विशेष ध्यान दें, ताकि चिलचिलाती धूप में भी शरीर में 'इम्युनिटी' बनी रहे। ayurvedastreet.blogspot.in

वर्किंग लोगों के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए रखना और भी जरूरी है, क्योंकि उन्हें दिनभर बाहरी माहौल में रहना है। उन्होंने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए लोगों को गर्मी में नाश्ते में दूध, सभी फ्रूटशेक्स, जूस, फल, स्प्राउट्स, ऑट्स, पोहा आदि लेना चाहिए। वहीं लंच में दालों को प्रमुखता से शामिल करें। इसके साथ आप इसमें सीजनल हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे बींस आदि, दो या तीन चपाती और भरपूर सलाद लें।
डिनर में इस बात का ध्यान रखा जाए के रात को भारी और ज्यादा खाना न लिया जाए। रात के खाने में रेशेदार सब्जी, दो चपाती और सलाद ले सकते हैं। यदि रोटी खाने का मन न हो तो आप खिचड़ी खा सकते हैं।ayurvedastreet.blogspot.in

क्या करें :
-ग्रीन टी और कोल्ड कॉफी लें
-हल्का खाना खाएं
- मौसमी फल जैसे- तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा आदि को प्रमुखता दें
-रेशेदार खाद्य पदार्थ खाएं
-भोजन के बीच में लंबा गैप न होने दें
-बदहजमी होने पर घर में बने नींबू पानी और पुदीना पानी पीएं
-पानी अधिक मात्रा में पीएं
-बाजार के पेय पदार्थो की बजाय दही, सत्तू, शिकंजी, नारियल पानी लस्सी आदि को प्रमुखता दें
क्या न करें :
-तले-भुने खाने से परहेज करें
-गर्म तासीर वाले फल जैसे चेरी, आड़ू, अमरूद न खाएं
-लंच में ले जाए गए टिफिन को पांच से छह घंटे के अंदर खा लें, क्योंकि इससे ज्यादा समय पैक रहने से इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं
-चाय और हॉट कॉफी से परहेज करें
-ज्यादातर ड्राइफ्रूट्स में वसा अधिक होती है, इसलिए गर्मियों में इन्हें कम खाएं।ayurvedastreet.blogspot.in

Tuesday, 7 July 2015

नेत्र रोग


• यदि आँखों में जलन व लालिमा रहती हो तो ग्वार पाठे का ठण्डा गूदा आँखों पर बांधें। इससे लाभ होता है।
• त्रिफला चूर्ण को शहद में मिलाकर रात को सोते समय सेवन करने से आँखों की बहुत-सी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। www.ayurvedastreet.blogspot.com
• आँवलेेेे को कूट कर दो घण्टे तक पानी में उबालने के बाद छानकर ठंडा करके दिन में तीन बार इस जल की बूंदें आँखों में डालें। इससे नेत्र रोग से राहत महसूस होती है।
• बेल की पत्तियों का रस निकाल कर बारीक कपड़े से छान लें। एक-दो बूँदें आँख में डालने से आँख का दर्द करना, आँख आना तथा आंखों से धुंधलापन की शिकायत दूर हो जाती है। आँखों की चुभन, पीड़ा, शूल आदि से भी राहत महसूस होती है। www.ayurvedastreet.blogspot.com
• आंखों के इलाज में लौकी का छिलका बहुत उपयोगी है। लौकी का छिलका साये में सुखाने के बाद इसे जला लें। इसे खरल में पीस कर बहुत बारीक कर लें। सुबह तीन-तीन सलाई दोनों आँखों में सुरमे की तरह लगाने से कुछ दिनों के बाद आंख संबंधी सारे विकार दूर हो जाते हैं।
• इमली के बीजों की गिरी पत्थर पर घिस कर लेप-सा बनाकर गुहेरी पर लगाने से ठण्डक मिलती है। इससे गुहेरी ठीक भी हो जाती है।www.ayurvedastreet.blogspot.com

आपसे अनुरोध है कि आप आपने सुझाव, प्रतिक्रिया या स्वास्थ्य संबंधित प्रश्न निचे Comment Box में लिख सकते है !

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Monday, 6 July 2015

ये बातें हमेशा गुप्त रखनी चाहिए


भविष्य में परेशानियों से बचने के लिए यहां 9 ऐसी बातें बताई जा रही हैं, जिन्हें हमेशा छिपाकर यानी गुप्त ही रखनी चाहिए। यदि ये बातें अन्य लोगों को मालूम हो जाती हैं, तो हमारे जीवन में कभी भी समस्याएं आ सकती हैं। जानिए ये 9 बातें कौन-कौन सी हैं...

1. औषधि यानी दवाइयां
मान्यता है कि औषधि को अन्य लोगों से छिपाकर रखेंगे तो औषधि रोगों में जल्दी लाभ पहुंचाती है। दवा को रोशनी और गर्मी से भी दूर रखना चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने पर दवा असरदार बनी रहती है।ayurvedastreet.com

2. आयु यानी उम्र
काफी लोग अपनी उम्र दूसरों से छिपाते हैं। इसके पीछे उनकी ये इच्छा होती है कि वे खुद को जवान दिखाना चाहते हैं। आयु छिपाना चाहिए, लेकिन दूसरों की तुलना में स्वयं से आयु छिपाना ज्यादा फायदेमंद होता है। खुद से अपनी आयु छिपाना यानी किसी भी काम पर हमारी बढ़ती उम्र का बुरा असर नहीं होना चाहिए। उम्र बढ़ती रहेगी, लेकिन ऊर्जा और उत्साह में कमी नहीं आनी चाहिए। ये तब ही संभव है, जब हमारी आयु हमारे दिमाग पर हावी नहीं होगी। कुछ लोग जवानी में ही थके हुए और बीमार नजर आते हैं, जबकि कुछ लोग बुढ़ापे में भी अधिक उत्साही और ऊर्जावान नजर आते है, क्योंकि वे अपनी उम्र को खुद पर हावी नहीं होने देते हैं।http://ayurvedastreet.blogspot.com

3. पति-पत्नी के बीच की बातें
अधिकांश परिवारों में वाद-विवाद होते रहते हैं, ये बहुत ही आम बात है, लेकिन आपसी झगड़े घर के बाहर किसी को भी नहीं बताने चाहिए। साथ ही, पति-पत्नी के बीच होने वाली गोपनीय बातें भी गुप्त ही रहना चाहिए। जो लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, समाज में उनकी प्रतिष्ठा कम होती है। परिवार का अहित चाहने वाले लोग हमारे आपसी झगड़े से लाभ उठा सकते हैं।

4. धन हानि यानी नुकसान
आज के समय में धन को किसी भी व्यक्ति की शक्ति का पैमाना माना जाता है। अधिकांश परिस्थितियों में धन के आधार पर ही रिश्ते निभाए जाते हैं और मित्रता की जाती है। अत: यदि हमें कभी भी धन हानि का सामना करना पड़े तो इस बात को गुप्त रखना चाहिए। धन हानि की बात दूसरों को बता दी जाएगी तो कई लोग हमसे दूरियां बढ़ा लेंगे। धन हानि से उबरने के लिए धन की आवश्यकता होती है, इस बात के जाहिर होने पर कोई धन की मदद भी नहीं करेगा। साथ ही, यदि हमारे पास बहुत सारा धन है तो इस बात को भी गुप्त रखना चाहिए http://ayurvedastreet.blogspot.com

5. अपमान
यदि किसी वजह से हमें अपमान का सामना करना पड़ा हो तो इस बात को गुप्त रखना फायदेमंद होता है। यदि दूसरों को यह मालूम होगा की हमें अपमान का सामना करना पड़ा है तो लोग हमारा मजाक बना सकते हैं।

6. मंत्र
गुरु द्वारा दिए गए मंत्र को गुप्त रखनी चाहिए। गुरु मंत्र, तब ही सिद्ध होते हैं, जब इन्हें गुप्त रखा जाता है। मंत्रों को गुप्त रखने पर जल्दी ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।


7. दान
गुप्त दान का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग गुप्त रूप से दान करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य के साथ ही देवी-देवताओं की कृपा से सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। दूसरों को बता-बताकर दान करने पर पुण्य प्राप्त नहीं हो पाता है।

8. पद-प्रतिष्ठा
यदि हम किसी बड़े पद पर हैं और समाज में हमें बहुत मान-सम्मान प्राप्त होता है तो इस बात को भी गुप्त रखना चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति के सामने इस बात को जाहिर करेंगे तो इससे अहंकार का भाव पैदा होता है। अहंकार पतन का कारण बनता है और इससे हमारी प्रतिष्ठा कम हो सकती है।http://ayurvedastreet.blogspot.com

9. रतिक्रिया
स्त्री-पुरुष को रतिक्रिया के समय एकांत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस कर्म से जुड़ी बातें भी गुप्त रखनी चाहिए। यदि ये बातें दूसरों को मालूम हो जाती हैं तो यह हमारे चरित्र और सामाजिक जीवन के लिए अच्छा नहीं होता है।

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दही और काली मिर्च


स्‍कैल्‍प से रूसी की परतों को हटाने में यह उपाय बहुत ही कारगर होता है। इसे करने के लिए दही की तीन चम्‍मच के साथ काली मिर्च पाउडर के 2 पाउडर को मिलाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को अच्‍छे से मिक्‍स करके, स्‍कैल्‍प पर रगड़कर लगा लें। और एक घंटे लगा रहने के बाद हल्‍के शैम्‍पू से धो लें। Ayurvedastreet

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Sunday, 5 July 2015

Ayurvedic diet in diseases

Ayurvedic Diet in Diseases: 



Albuminuria
In albuminuria or Bright’s disease (disease of the kidneys) give mung dal water, barley water, green vegetables, salads, cauliflower, turnip, whey, sago, rice, bread of wheat, bajra, joar.

Do not give salt, meat, proteins, sugar, sweets, spicy articles, pickles, potatoes, peas, cheese, alcohol.

Anaemia
In anaemia give tomatoes, mung dal, wheat, bajra, joar, barley, vegetables, mangoes, grapes, amalaka, banana, milk, whey, cream, butter.

Constipation
In constipation give barley, wheat, cabbage, salads, plenty of vegetables, spinach, apples, figs, prunes, dates, oranges, grapes, bananas, milk. Give up tea, pastry, cheese.

Diabetes: blog.ayurvedastreet.com
In diabetes take cream, butter, milk, cheese, nuts of all kinds, lemons and oranges in'moderation; take mung, green vegetables, cabbages, cauliflower, tomatoes, bread made of Bengal gram and wheat or barley (misre rottie), cucumber.

Do not take sugar and starch in any form, rice, sago, vermicelli, arrowroot, com flower, barley, potatoes, peas, pastry and puddings of all kinds.

Diarrhoea
In diarrhoea take barley water, whey, rice water, mung water, buttermilk, rice and buttermilk.
Do not take pulses, green vegetables, potatoes and fruits, all solid foods, sweetmeats.

Dyspepsia or Indigestion
In dyspepsia take mung, barley bread, rice, sago, potatoes, green vegetables and fruits in small quantities, milk, butter, ghee in moderation, oranges, prunes, whey, barley water, buttermilk.

Do not take pastry, sweetmeats, thick pulses, icecream, all starchy and sugary foods, unripe fruits, uncooked vegetables, acid fruits, etc.

Fevers
Give orange juice, mung water, conjee in fevers. Milk should not be given for 7 days. Do not give ghee, pulses, sweets, heavy foods, solids.

Gout
Take all fresh vegetables, rice, sago, fresh ripe fruits, wheat, bajra, joar, potatoes, salads, milk, milk puddings, lime juice freely diluted. In small quantities take tomatoes, beans, peas and other pulses, butter, ghee, cheese. Do not take rich foods, animal foods, pastries, jellies, confection, all acid fruits, all liquors.

Obesity
Take wheat, bajra, joar, mung water, butter in moderation, milk, grapes, oranges, green vegetables such as cabbages, spinach (palak), tomatoes.

Do not take ghee, pastry, sweets, too much rice, too much sugar, thick pulses

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आयुर्वेद के अनुसार रति क्रिया के नियम

आयुर्वेद के अनुसार धातु शक्ति है, शक्ति ही जीवन है, शक्ति ही तरुणाई या जवानी है। शक्ति की कमी बुढ़ापा है और शक्ति का नाश मृत्यु है। बहु मैथुन से धातु का नाश होता है, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। हम यहां किसी वैचारिक विवाद में न पड़ते हुए सिर्फ इतना बताना चाहते हैं कि यह क्रिया सदा स्त्री-पुरुष के बीच एक सीमा में होनी चाहिए। बहु मैथुन (प्रतिदिन एक से अधिक बार मैथुन करना) से अनेक शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जो इस प्रकार हैं | www.ayurvedastreet.com

 

हानियाँ :-

  • प्रमेह (मूत्र संबंधी) रोगों का उत्पन्न होना, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन आदि समस्याओ का शिकार होना।
  • पुठ्ठों का कमजोर होना तथा पीठ में दर्द होना, मस्तिष्क में कमजोरी आना तथा स्मृति भ्रंश (याददाश्त में कमी) का शिकार होना।
  • चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, नजर कमजोर होना, सिर में दर्द होना, भूख की कमी होना, पाचन बिगड़ना, लीवर कमजोर होना।
  • चेहरा मुरझा जाना, आंखों का अंदर धंस जाना, चेहरे की हड्डियां निकल आना, आंखों की चमक कम होना, उदासी, प्रत्येक कार्य करने से जी उकताना।
  • अमाशय एवं गुर्दों का कमजोर होना, हृदय-पेशियों का कमजोर पड़ना, नजला, जुकाम, मूत्राशय की कमजोरी इत्यादि।www.ayurvedastreet.com

आयुर्वेद के अनुसार रति क्रिया के नियम

  • दिन के समय कभी भी सहवास न करें, सहवास (मैथुन) हमेशा रात में ही करना चाहिए वह भी सिर्फ एक बार। हो सके तो इसमें भी 'गैप' दें।
  • सूर्योदय के कुछ समय पूर्व से लेकर सूर्योदय के बाद यानी ब्रह्य मुहूर्त में किया गया सहवास स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है।
  • जो लोग शाम सात बजे तक भोजन कर लेते हैं, उनको छोड़कर शेष लोगों को जो कि भोजन रात्रि 10-11 बजे तक करते हैं, सहवास आधी रात के बाद करना हितकारी है।www.ayurvedastreet.com
  • शयन के ठीक पहले दूध न पिएं, यदि दूध लेना ही है तो सोने के एक घण्टा पूर्व लें।
  • स्त्री का जिस समय मासिक धर्म चला रहा हो, तब उसके साथ सहवास न करें। इन चार दिनों में कंडोम वगैरह लगाकर भी नहीं। ऐसा करना कई तरह के रोगों को दावत देना है। अप्राकृतिक मैथुन किसी भी सूरत में उचित नहीं, इससे दूर ही रहें।
  • कई व्यक्ति सहवास को महज एक औपचारिकता के तौर पर लेते हैं और इस कार्य को केवल वीर्य स्खलन मानते हुए जल्द खत्म कर देते हैं। दरअसल सहवास में जल्दबाजी न तो पुरुष को ही आनंद देने वाली होती है और न ही स्त्री की संतुष्टि। लिहाजा सहवास के पूर्व विभिन्न क्रिया-कलाप एवं श्रृंगार रसपूर्ण बातों से स्त्री के 'काम' या सेक्स को पूर्ण जागृत करें,तभी सहवास का सच्चा आनंद आप पा सकते हैं और सहयोगी को पूर्ण संतुष्टि भी दे सकते हैं।
  • कई व्यक्ति सहवास को इस हद तक जरूरी मानते हैं कि भले ही उनका सहयोगी ठंडा पड़ा हो या वह अन्य किसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहा हो, वे सहवास करते ही हैं। यदि पति-पत्नी में से कोई भी क्रोध, चिंता, दुःख, अविश्वास आदि किसी भी मानसिक समस्या से गुजर रहा हो, तो सहवास करना उचित नहीं है। यानी सहवास उसी समय परम आनंददायक होता है, जब पति-पत्नी दोनों पूर्ण प्रसन्न चित्त हों।www.ayurvedastreet.com
  • सहवास के समय 'आसनों' का प्रयोग करना यकीनन आनंदवर्धक होता है पर योग्य जानकारी के बगैर कठिन आसनों को सम्पन्न करना बिल्कुल सुरक्षित नहीं कहा जा सकता।
  • सहवास के तुरंत बाद पानी पीना उचित नहीं है। हां, सहवास की समाप्ति पर मिठाई या मिश्री, गुड़ आदि खाना चाहिए और कुछ रुककर जल का सेवन करना परम लाभदायक है।
  • कुछ लोग सहवास समाप्ति पर लिंग को ठंडे पानी से धोने में विश्वास रखते हैं, यह ठीक नहीं है। लिंग को कपड़े से अच्छी तरह पोंछना ही ठीक है।
  • सहवास के तुरंत बाद हवा में निकलना हानिकारक है।
  • अपनी उम्र से ज्यादा उम्र कि स्त्री से सहवास न करना ही उत्तम है। उम्र से कम स्त्री से सहवास करना ही उत्तम है। प्रकार एक से ज्यादा स्त्रियों से सहवास करने की आज्ञा भी शास्त्र हमें नहीं देते।www.ayurvedastreet.com
  • हवस में कई लोग भ्रमवश अपने आपको कमजोर मानते हैं और इसलिए तरह-तरह की ऊटपटांग इश्तिहारी औषधियों का सेवन करने लगते हैं। ऐसा करके अपनी प्राकृतिक क्षमता को न खोएं। जब आपको विश्वास हो जाए कि वाकई आप में कोई कमजोरी है तो पहले किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें और फिर उसके अनुसार ही इलाज करें।
  • कई लोग लिंग पर ऊटपटांग तेल आदि का प्रयोग करते हैं, बगैर पूर्ण जानकारी के ऐसा करना ठीक नहीं। लिंग पर इत्र का लेप करना भी हानिकारक है।
  • सेक्स की इच्छा ना होना। शीघ्रपतन। कमजोरी। ज्यादा देर तक सेक्स नहीं कर पाना।

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गर्भवती महिला के लिए आहार संबंधी आवश्यक सूचना


हर महिला कि यह इच्छा होती है कि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे। इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए गर्भावस्था मे पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा मे करना बेहद जरुरी है। गर्भस्थ शिशु का विकास माता के आहार पर निर्भर होता है। गर्भवती महिला को ऐसा आहार करना चाहिए जो उसके गर्भस्थ शिशु के पोषण कि आवश्यक्ताओ को पुरा कर सके।
सामान्य महिला को प्रतिदिन 2100 calories का आहार करना चाहिए। Food and Nutrition Board के अनुसार सगर्भा महिला को आहार के माधयम से 300 calories अतिरिक्त मिलनी ही चाहिए। यानि सामान्य महिला कि अपेक्षा गर्भवती महिला को 2400 calories प्राप्त हो इतना आहार लेना चाहिए और विविध Vitamins, Minerals अधिक मात्रा में प्राप्त करना चाहिए। www.ayurvedastreet.com
गर्भावस्था में महिला को आहार में कौन से चीजे लेना चहिए ओर कितनी मात्रा में लेना चाहिए इसकि अधिक जानकारी निचे दि गयीं है।
1) कैल्शियम (Calcium)
• गर्भवती महिला को आहार मे प्रतिदिन 1500 -1600 मिलीग्राम Calcium मिलना चाहिए।
• गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिये इस तत्व कि आवश्यकता रहती है।
• Calcium युक्त आहार में दूध और दूध से बने व्यंजन, दलहन, मक्खन, चीज, मेथी, बीट, अंजीर, अंगूर, तरबूज, तिल, उड़द, बाजऱा, मांस आदि का समावेश होता है।
2)प्रोटीन (Proteins)
• गर्भवती महिला को आहार मे प्रतिदिन 60 से 70 ग्राम Proteins मिलना चाहिए।
• गर्भवती महिला के गर्भाशय, स्तनों तथा गर्भ के विकास ओर वृद्धि के लिये Proteins एक महत्वपूर्ण तत्व है।
• अंतिम 6 महीनो के दौरान करीब 1 किलोग्राम Proteins की आवश्यकता होती है।
• Protein युक्त आहार मे दूध और दुध से बने व्यंजन, मूंगफली, पनीर, चिज़, काजू, बदाम, दलहन, मांस, मछली, अंडे आदि का समावेश होता है।
3) विटामिन (Vitamins)
• सगर्भावस्था के दौरान Vitamins कि जरुरत बढ़ जाती है।
• आहार ऐसा होना चाहिए कि जो अधिकधिक मात्रा मे calories तथा उचित मात्रा में Proteins के साथ Vitamins कि जरुरत कि पूर्ति कर सके।
• हरी सब्जियां, दलहन, दूध आदि से Vitamin उपलब्ध हो जाते है।
4) आयोडीन (Iodine)
• गर्भवती महिलाओ के लिये प्रतिदिन 200-220 माइक्रोग्राम Iodine कि आवश्यकता होती है।
• Iodine आपके शिशु के दिमाग के विकास के लिये आवश्यक है। इस तत्व की कमी से बच्चे मे मानसिक रोग, वजन बढ़ना और महिलाओ मे गर्भपात जेसी अन्य खामिया उत्पन्न होती है। www.blog.ayurvedastreet.com • गर्भवती महिलाओ को अपने डॉक्टर कि सलाह अनुसार Thyroid Profile जॉंच कराना चाहिए।
• Iodine के प्राकृतिक स्त्रोत्र है अनाज, दालें, ढूध, अंड़े, मांस। Iodine युक्त नमक अपने आहार मे Iodine शामिल करने का सबसे आसान और सरल उपाय है।
5) फोलिक एसिड (Folic Acid)
• पहली तिमाही वाली महिलाओं को प्रतिदिन 4 mg Folic Acid लेंने की आवश्यकता होती है। दूसरी और तीसरी तिमाही मे 6 mg Folic Acid लेंने की आवश्यकता होती है।
• पर्याप्त मात्रा में Folic Acid लेने से जन्मदोष और गर्भपात होने का खतरा कम हो जाता है। इस तत्व के सेवन से उलटी पर रोक लग जाती है।
• आपको Folic Acid का सेवन तब से कर लेना चाहिए जब से आपने माँ बनने का मन बना लिया हो।
• Folic Acid युक्त आहार मे दाल, राजमा, पालक, मटर, मक्का, हरी सरसो, भिंड़ी, सोयाबीन, काबुली चना, स्ट्रॉबेरी, केला, अननस, संतरा, दलीया, साबुत अनाज का आटा, आटे कि ब्रेड आदि का समावेश होता है।
6) पानी (Water)
• गर्भवती महिला हो या कोई भी व्यक्ति, पानी हमारे शरीर के लिये बहुत महत्वपुर्ण है। गर्भवती महिलाओ को अपने शरीर कि बढ़ती हुईं आवश्यकताओं को पुरा करने के लिये प्रतिदिल कम से कम 3 लीटर (10 से 12 ग्लास) पानी जरुर पीना चाहिए। गर्मी के मौसम में 2 ग्लास अतिरिक्त पानी पीना चाहिए।
• हमेशा ध्यान रखे कि आप साफ़ और सुरक्षीत पानी पी रहे है। बाहर जाते समय अपना साफ़ पानी साथ रखे या अच्छा बोतलबंद पानी का उपयोग करे।
• पानी की हर बूंद आपकी गर्भावस्था को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने मे सहायक है।
7) झींक (Zinc)
• गर्भवती महिलाओ के लिये प्रतिदिन 15 से 20 मिलीग्राम Zinc कि आवश्यकता होती है।
• इस तत्व कि कमी से भूख नहि लगतीं, शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जात्ता है, त्वचा रोग होते है।
• पर्याप्त मात्रा में शरीर को Zinc कि पूर्ति करने के लिए हरी सब्जिया और Multi-Vitamin supplements ले सकते है।
गर्भवती महिलाओ को आहार संबंधी निम्नलिखित बातों का ख्याल रखना चाहिए :
1. गर्भवती महिला को हर 4 घंटे में कुछ खाने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है आपको भूक न लगी हो, परन्तु हो सकता है कि आपका गर्भस्थ शिशु भूका हो।
2. वजन बढ़ने कि चिंता करने के बजाय अच्छी तरह से खाने कि ओर ध्यान देना चाहिए।
3. कच्चा दूध न पिए।
4. मदिरापान न करे।
5. Caffeine की मात्रा काम करे। प्रतिदिन 200 mg से अधिक caffeine लेने पर गर्भपात और कम वजन वाले शिशु के जन्म लेने का खतरा बढ़ जाता है।
6. गर्भवती महिलाओ को गर्म मसालेदार चींजे नहीं खाना चाहिए।
7. Anaemia से बचने के लिए अखण्ड अनाज से बने पदार्थ, अंकुरित दलहन, हरे पत्तेवाली साग भाज़ी, ग़ुड़, तिल आदि लोहतत्व से भरपूर खाद्यपदार्थों का सेवन करना चाहिए।
8. सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का वजन 10 से 12 किलो बढ़ना चाहिए।
9. गर्भवती महिला को उपवास नहीं करना चाहिए।
10. गर्भवती महिला को मीठा खाने की इच्छा हो तो उन्हें अंजीर खाना चाहिए। इसमें प्रचुर मात्रा में Calcium है और इससे कब्ज भी दूर होता हैं।
11. Vegetable सूप और जूस लेना चाहिए। भोजन के दौरान इनका सेवन करे। बाजार में मिलने वाले रेडीमेड सूप व् जूस का उपयोग न करे।
12. गर्भवती महिला को fast foods, ज्यादा तला हुआ खाना, ज्यादा तिखा और मसालेदार खाने से परहेज करना चाहिए।
13. अपने डॉकटर कि सलाह अनुसार Vitamin और Iron कि गोलिया नियमित समय पर लेना चाहिए।www.blog.ayurvedastreet.com
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