Thursday, 2 February 2017

निधिवन में आतें है श्री कृष्ण आज भी रास लीला नचाने


भगवान श्री कृष्ण का धाम है वृंदावन, उनके धाम से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातें जब भी सुनने को मिलती हैं तो दिल में बहुत ही आदर सत्कार आता है। इसी वृंदावन में एक एेसी जगहें मौजूद हैं जिसको लेकर मान्यता है कि वहां हर रात भगवान श्री कृष्ण और राधा रास रचाने आते हैं.निधिवन के नाम से पहचानी जाने वीली इस जगह को लेकर कई ऐसी मान्याताऐं हैं, जिन पर विश्र्वास करना कठिन हैं। जानिए निधिवन की मान्यताओं और उससे जुड़ी रोचक कहानियों के बारे में।


1. गीली दातून और बिखरा हुआ बिस्तर 
निधिवन में मौजूद पंडित और महंत बताते हैं कि हर रात भगवान  श्री कृष्ण के कक्ष में उनका बिस्तर सजाया जाता है, दातुन और पानी का लौटा रखा जाता हैं. जब सुबह मंगला आरती के लिए पंडित उस कक्ष को खोलते हैं तो लोटे का पानी खाली, दातुन गिली, पान खाया हुआ और कमरे का सामान बिखरा हुआ मिलता है. 
2. शाम होते ही, सब छोड़ देते है वन
पौराणिक मान्यता है कि निधिवन बंद होने के बाद भी यदि कोई छिपकर रासलीला देखने की कोशिश करता है तो वह पागल हो जाता हैं. मंदिर के महंत और आसपास के लोग इससे जुड़े कई किस्से सुनाते हैं. दावा ये भी किया जाता है कि वहां मौजूद पशु-पक्षी और यहां तक कि चींटी भी शाम होते ही, वन छोड़ देती हैं.
3. जमीन की ओर बढ़ते हैं पेड़
इसके अलावा निधिवन में मौजूद पेड़ भी अपनी तरह के बेहद खास हैं. जहां आमतौर पर पेड़ों की  शाखाएं ऊपर की और बढ़ती है, वहीं निधि वन में मौजूद पेड़ों की शाखाएं नीचे की और बढ़ती हैं बढ़ती हैं. इन पेड़ों की स्थि‍त ऐसी है कि रास्ता बनाने के लिए उनकी शाखाओं को डंडों के सहारे फैलने से रोका गया हैं।
4. नहीं खुलती हैं घरों की खिड़कियां
एेसी मान्यता है कि जो रात में होने वाले भगवान श्री कृष्ण और राधा के रास को देख लेता है वो पागल या अंधा हो जाता हैं. इसी कारण निधिवन के आसपास मौजूद घरों में लोगों ने उस तरफ खिड़कियां नहीं लगाई हैं. कई लोगों ने अपनी खिड़कियों को ईंटो से बंद करा दिया हैं। आसपास रहने वाले लोगों के मुताबिक शाम सात बजे के बाद कोई इस वन की तरफ नहीं देखता।
5. जहां बांके बिहारी ने दिये दर्शन
निधिवन में ही ठा. बिहारी जी महाराज का दर्शन स्थल हैं. मान्यता है कि संगीत सम्राट और धुरपद के जनक स्वामी हरिदास भजन गाया करते थे। माना जाता है कि बांके बिहारी जी ने उनकी भक्ति संगीत से प्रसन्न होकर एक सपना दिया। सपने में कहा कि मैं तुम्हीरी साधना स्थल में ही विशाखा कुंड के पास जमीन में छिपा हूं. सपने के बाद हरिदास जी ने अपने शिष्यों की मदद से बिहारी जी को निकलवाया और मंदिर की स्थापना की। इसके बाद से यहां पर ठाकुर जी का स्थान बन गया और लोग यहां पर लाखों लोग उनके दर्शनों के लिए आते हैं। 
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